बासमती धान-चावल बाजार में तेजी: सप्लाई घटने से भावों में उछाल

बासमती चावल बाजार में इन दिनों तेजी का माहौल देखने को मिल रहा है। पहले जहां भारी स्टॉक और बेहतर उत्पादन के चलते भाव दबे हुए थे, वहीं अब सप्लाई घटने और निर्यात मांग बढ़ने से कीमतों में उछाल आ रहा है। खासतौर पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में इस बार साठी धान की बुवाई केवल 40-41% तक सीमित रही है, जिससे 1509 और 1847 जैसी किस्मों की उपलब्धता पर असर पड़ा है। मंडी दर मंडी तेजी के संकेत हरियाणा की प्रमुख मंडियों गोहाना, करनाल, तरावड़ी, टोहाना और सफीदों में 1718 धान की कीमत ₹3500-3850 तक पहुंच गई है, जबकि पहले यह ₹2900 तक गिर चुका था। यूपी की मंडियों में भी भाव ₹3200-3300 तक पहुंच चुके हैं। पुराने स्टॉक पर व्यापारी ₹100-150 अतिरिक्त मांग रहे हैं, जिससे बाजार में खरीद बढ़ रही है। चावल मार्केट की बात करें तो राजस्थान में 1718 सेला ₹6300 लोड, 1509 सेला ₹5750/5800, 1847 ₹5700/5750 और सुगंधा ₹5400 पर लोड में बिक रहा है। पंजाब लाइन से प्योर 1509 स्टीम ₹7350 तक पहुंच चुका है। वहीं, हरियाणा से PR14 ₹4300 और RH10 ₹4250-4300 पर ट्रेंड कर रहा है। ईरान से भारी मांग, भारत के लिए अवसर ईरान में चावल की भारी कमी के चलते भारतीय बासमती की मांग तेजी से बढ़ी है। वहां अन्य देशों से चावल ₹240-300 महंगा मिल रहा है, जिससे भारत को फायदा हो रहा है। बाजार अब अपने न्यूनतम स्तर से लगभग ₹900 ऊपर आ चुका है। अनुमान है कि जून मध्य से अंत तक भावों में ₹300-500 की और तेजी संभव है। जो व्यापारी जोखिम लेने को तैयार हैं, वे 1718 धान में ₹4000 तक के भाव का इंतजार कर सकते हैं। वहीं, जो सुरक्षित सौदे चाहते हैं, वे मौजूदा कीमतों पर व्यापार कर सकते हैं। कुल मिलाकर, बासमती धान-चावल बाजार में इस समय तेजी का रुख बना हुआ है, और आने वाले महीनों में इसकी स्थिरता बनी रहने की संभावना है। व्यापारियों को अपनी रणनीति सोच-समझकर तय करनी होगी, क्योंकि सप्लाई घटने से आगे भी भाव मजबूत बने रह सकते हैं।

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