सोयाबीन रिपोर्ट

पिछले सप्ताह सोलापुर, महाराष्ट्र में सोयाबीन की कीमतों में हल्की गिरावट देखने को मिली। सप्ताह की शुरुआत सोमवार को 4530 रुपये प्रति क्विंटल से हुई, जबकि शनिवार को कीमत 4520 रुपये पर बंद हुई — यानी कुल 10 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। बाजार में मांग सामान्य रही, लेकिन आपूर्ति अधिक होने से कीमतों पर दबाव बना रहा। पिछले सप्ताह मांग सामान्य रही, लेकिन आपूर्ति अधिक थी। इसके चलते सोयाबीन की कीमतों में कमजोरी बनी रही। नाफेड अब तक लगभग 2.70 लाख टन सोयाबीन का स्टॉक बेच चुका है। हालांकि, नाफेड कम दामों पर बिक्री करने में रुचि नहीं दिखा रहा है। यही कारण है कि कीमतों में गिरावट सीमित रही है। अप्रैल 2025 में भारत का सोयामील निर्यात 15.50% की वार्षिक वृद्धि के साथ 2.30 लाख टन तक पहुंच गया। अमेरिका-चीन टैरिफ युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय खरीदारों ने भारत का रुख किया। इसके बावजूद, घरेलू बाजार में सोयाबीन की पर्याप्त आपूर्ति के कारण कीमतों पर इसका खास असर नहीं पड़ा। सप्लाई-डिमांड के मौजूदा संतुलन को देखते हुए, फिलहाल सोयाबीन में किसी बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। कीमतें फिलहाल महाराष्ट्र कीर्ति संयंत्र में 4500 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन स्तर के करीब हैं। अगर यह स्तर टूटता है, तो दाम 4350–4400 रुपये तक गिर सकते हैं, लेकिन इससे नीचे गिरने की आशंका कम है। जुलाई के अंत तक कीमतों की दिशा मानसून की स्थिति और किसानों की बुवाई में रुचि पर निर्भर करेगी। स्टॉकिस्टों को जुलाई के अंत तक "वेट एंड वॉच" की रणनीति अपनानी चाहिए। अगस्त से अक्टूबर के बीच बाजार में अच्छी रिकवरी की संभावना जताई जा रही है।

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