रिकॉर्ड खरीद और उत्पादन के बावजूद गेहूं पर स्टॉक लिमिट लागू, भावों में अस्थायी गिरावट की संभावना
नई दिल्ली � रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन और अब तक की बड़ी सरकारी खरीद के बावजूद केंद्र सरकार ने बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू कर दी है। नए आदेश के तहत, व्यापारियों के लिए स्टॉक सीमा 3,000 टन, खुदरा व्यापारियों के लिए 10 टन, बड़े रिटेल चेन के लिए प्रति आउटलेट 10 टन और प्रोसेसर के लिए उनकी स्थापित क्षमता का 70% तय की गई है। सरकारी फैसले के बाद बाजार में हलचल जरूर हुई, लेकिन इसका तत्काल प्रभाव भावों पर सीमित ही रहा है। दिल्ली के लॉरेंस रोड मंडी में कल शाम गेहूं की कीमत ₹2,750 प्रति क्विंटल पर स्थिर रही। कुछ स्थानों पर ₹5 से ₹10 प्रति क्विंटल की मामूली गिरावट दर्ज की गई। देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के दाम स्थिर से थोड़े कमजोर रुख में रहे। खरीदार सतर्क नजर आए, जबकि विक्रेताओं में थोड़ी सक्रियता देखी गई। कोलकाता के एक व्यापारी के अनुसार, स्टॉक सीमा लागू होने के बाद लगभग ₹25 प्रति क्विंटल की गिरावट जरूर आई, लेकिन थोक व्यापारी इस स्तर पर बिक्री को तैयार नहीं हैं क्योंकि वर्तमान स्टॉक सीमा पहले की तुलना में अधिक है। कई व्यापारियों ने पहले से ही 1,500�2,000 टन का सीमित भंडारण कर रखा था, जिससे बाजार में जबरदस्ती बिकवाली का दबाव नहीं बना है। हालांकि सरकार ने अतिरिक्त स्टॉक बेचने के लिए केवल 15 दिन का समय दिया है, जिससे अल्पकालिक घबराहट देखने को मिल सकती है। इसके चलते कुछ प्रमुख बाजारों में भावों में ₹50 प्रति क्विंटल तक की गिरावट संभव है। हालांकि यह स्थिति अस्थायी मानी जा रही है और विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 10�15 दिनों में बाजार में स्थिरता लौट सकती है।