धनिया कीमतों में नरमी, मगर अधिक मंदा नहीं
निर्यात एवं लोकल व्यापार कम रह जाने के कारण विगत कुछ समय से धनिया में कारोबार सीमित चल रहा है। हालांकि चालू सीजन के दौरान देश में धनिया की पैदावार गत वर्ष की तुलना में कम रही लेकिन गत वर्ष का स्टॉक अच्छा होने एवं निर्यात भी कम होने के कारण कीमतों में बढ़ोत्तरी दर्ज नहीं की गई मगर सूत्रों का मानना है कि चालू माह के द्वितीय पखवाड़े में कीमतों में सुधार संभव है क्योंकि मंडियों में आवक घट गई है। इसके अलावा आगामी दिनों में निर्यात मांग सुधरने के अलावा लोकल मांग निकलने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।उल्लेखनीय है कि प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात, राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में इस वर्ष धनिया की पैदावार लगभग 1 करोड़ बोरी के आसपास मानी गई है जबकि गत वर्ष पैदावार 1.10 करोड़ बोरी की रही थी वर्ष 2023 में उत्पादन 1.50 करोड़ बोरी के आसपास रहा था। आवक जानकार सूत्रों का कहना है कि कुल उत्पादन का लगभग 70/75 प्रतिशत माल मंडियों में आ जाने के कारण अब मंडियों में आवक घटनी शुरू हो गई है। वर्तमान में गुजरात की गोंडल मंडी में आवक 4/5 हजार बोरी की रह गई है जबकि राजकोट, जूनागढ़ में आवक 500/700 बोरी की हो रही है। मध्य प्रदेश की गुणा मंडी में आवक 1500/2000 बोरी एवं कुम्भराज 1000/1200 बोरी की चल रही है। जबकि अशोकनगर, नीमच मंडी में आवक 500/600 बोरी की रह गई है। राजस्थान की रामगंज मंडी में आवक 2000/2500 बोरी एवं कोटा में 500/600 बोरी की चल रही है। उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान गुजरात में धनिया का उत्पादन 40/42 लाख बोरी माना गया है जबकि मध्य प्रदेश में पैदावार 45/48 लाख बोरी के अलावा राजस्थान में उत्पादन 14/15 लाख बोरी दोनों के अनुमान लगाए गए थे। मंदा-तेजी हाजिर एवं निर्यात मांग कम होने के कारण चालू सप्ताह के दौरान वायदा एवं हाजिर बाजारों में धनिया के भाव दबे रहे। हाजिर बाजारों में धनिया की कीमतें 50/100 रुपए प्रति क्विंटल मंदी रही जबकि वायदा में जुलाई का भाव 7220 रुपए से नरमी के साथ 7168 एवं अगस्त का भाव 7260 रुपए से मंदे के साथ 7236 रुपए पर बंद हुआ है जबकि हाजिर बाजारों में धनिया ईगल का भाव 6700/6900 रुपए एवं बादामी का भाव 6000/6500 रुपए प्रति क्विंटल बोला जा रहा है। सूत्रों का मानना है कि वर्तमान कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है। सूत्रों का मानना है कि जल्द ही मांग निकलने की संभावना से अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई-अगस्त माह के दौरान कीमतों में 8/10 रुपए प्रति किलो की तेजी बननी चाहिए। उपलब्धता कम चालू सीजन के दौरान खपत की तुलना में धनिया की उपलब्धता कम रहने के समाचार है। एक अनुमान के अनुसार चालू सीजन के दौरान लगभग 1 करोड़ बोरी धनिया उत्पादन के अलावा बकाया स्टॉक 35/40 लाख बोरी माना जा रहा है जबकि निर्यात एवं लोकल खपत को मिलाकर धनिया की आवश्यकता 1.50/1.60 करोड़ बोरी के आसपास रहती है। सूत्रों का मानना है कि दूसरे वर्ष भी देश में पैदवार घटने के कारण आगामी सीजन पर धनिया का स्टॉक नाममात्र का रह जाएगा। निर्यात में गिरावट चालू वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान धनिया निर्यात में जोरदार गिरावट दर्ज की गई है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मार्च (2024-25) के दौरान धनिया का कुल निर्यात 60324 टन का किया गया। जबकि अप्रैल-मार्च (2023-24) के निर्यात 108624 टन का रहा था। चालू सीजन के दौरान धनिया निर्यात से प्राप्त आय 63320 लाख रुपए की रही जबकि गत सीजन में प्राप्त आय 94827 लाख रुपए की रही थी। मात्रात्मक रूप से चालू सीजन के दौरान धनिया निर्यात 44 प्रतिशत कम रहा जबकि आय के रूप में 33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।