चावल- नये माल का दबाव नहीं
खरीफ सीजन के बारीक धान की आवक की आपूर्ति हरियाणा पंजाब में अनुकूल नहीं है, जिस कारण भाव काफी ऊंचे चल रहे हैं तथा दिन प्रतिदिन धान की आवक जिस हिसाब से बढ़नी चाहिए, उस हिसाब से नहीं हो रही है। जिस कारण से राइस मिलों को मिलिंग पड़ता काफी महंगा हो जाने से चावल के भाव बढ़ गए हैं। पिछले दिनों बासमती प्रजाति के चावल पर मिनिमम एक्सपोर्ट प्राइस हटा दी गई थी, इसलिए निर्यात में समर्थन मिल रहा है। हरियाणा के मंडियों मे 1509 धान 4-5 दिनों में बढ़कर 2950/3150 रुपए हो गया है, पंजाब की मंडियों में धान 3000/3200 रुपए के बीच 1509 पर जाति के चल रहे हैं। नरेला - नजफगढ़ मंडी में भी धान की आवक दो-ढाई लाख बोरी है। खरीफ सीजन के धान के दबाव के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ऊंचे भाव चावल के होने से अभी बाजार और घट सकता है। इस बार राइस मिलों एवं चावल के कारोबारियों के लिए वर्तमान भाव के स्टॉक लाभदायक रहेंगे।