सरसों रिपोर्ट
पिछले सप्ताह की शुरुआत में जयपुर सरसों 6400 रुपये/25 किलोग्राम पर खुला था, और शनिवार शाम को यह 6200 रुपये पर बंद हुआ, जो कि 225 रुपये/क्विंटल की गिरावट दर्शाता है। इस गिरावट का मुख्य कारण सरसों में मांग की कमी था। बीते सप्ताह की स्थिति: सरसों में औसतन 150-200 रुपये/क्विंटल की गिरावट आई। सरसों खल में 100 रुपये तक की गिरावट दर्ज की गई। कच्ची घानी में 3-4 रुपये/किलो की कमी आई। गिरावट के कारण: अंतरराष्ट्रीय खाद्य तेल बाजार में कमजोरी। सरसों की फसल कटाई के करीब है। मौसम अनुकूल होने के कारण फसल की यील्ड में वृद्धि का अनुमान। खल और तेल की मांग में कमी होने के कारण मीलों ने सरसों की खरीदारी घटा दी। सरकारी सप्लाई की स्थिति: सरकारी एजेंसियां जैसे नाफेड और हैफेड सप्लाई को बनाए रखने के लिए लगातार भाव घटाकर सरसों बेच रही हैं। अब तक नाफेड ने करीब 13 लाख टन सरसों बेची है। आने वाला भविष्य (सरसों, तेल और खल): कटाई के बाद सरसों की सप्लाई में वृद्धि होगी। सप्लाई बढ़ने और मांग कमजोर रहने के कारण सरसों में तेजी की कोई उम्मीद नहीं है। तेल और खल की मांग न होने के कारण सरसों के भाव 200-300 रुपये/क्विंटल और घट सकते हैं। कच्ची घानी का समर्थन 1300 रुपये के आस-पास है, और इसके नीचे गिरने पर 1250 रुपये तक गिरावट संभव है। मार्च अंत तक सरसों में खरीदारी से बचें: जयपुर सरसों का समर्थन 6275 रुपये के नीचे टूट चुका है, और अब 6000 रुपये तक कोई मजबूत समर्थन नहीं दिखाई दे रहा है।