बारीक चावल की कीमतें निचले स्तर पर

इस बार बासमती प्रजाति के धान का उत्पादन बढ़ा है और पुराना स्टॉक भी कारोबारियों एवं राइस मिलों के पास पड़ा हुआ है, जिससे चावल की कीमतों में तेजी नहीं देखी जा रही है। फिलहाल, खाड़ी देशों में अस्थिरता के कारण निर्यात में कमी आई है और राइस मिलों व मंडियों में धान का दबाव बढ़ने से बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। हालांकि, 1509 सेला चावल ₹5200-5250 प्रति क्विंटल और 1718 सेला चावल ₹5300-5340 प्रति क्विंटल बिक रहे हैं, लेकिन चावल 1401 की कीमतों में पिछले सप्ताह ₹200-300 की गिरावट आई है। हालांकि, चालू माह के बाद चावल व्यापार में सुधार की संभावना है। मोटे चावल की स्थिति भी स्थिर रही है और वर्तमान भाव में कोई विशेष रिस्क नहीं है। व्यापारियों को कुछ दिन धैर्य से बैठने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मोटे चावल के भाव उच्च हैं। सरकार द्वारा 2250 रुपए प्रति क्विंटल में 24 लाख टन मोटे चावल की बिक्री का ऐलान किया गया था, और यह माल अब बिकने लगा है, जिससे खुले बाजार में बिक्री में गिरावट आई है। इसके साथ ही सरकारी चावल हरियाणा और पंजाब में सस्ते में बिकने के कारण मोटे चावल के बाजार में मंदी देखी जा रही है। हालांकि, अब मंदी की गति थोड़ी धीमी हुई है, लेकिन तेजी आने में अभी वक्त लगेगा। बारीक चावल में भी निर्यातकों की मांग कमजोर है, जिससे बाजार अभी निचले स्तर पर बना हुआ है और कुछ समय तक ऐसा ही रह सकता है।

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