चना रिपोर्ट

पिछले सप्ताह की शुरुआत सोमवार को दिल्ली और राजस्थान जयपुर में नया चना ₹5625-5650 प्रति क्विंटल पर खुला था, और शनिवार शाम को यह ₹5850-5900 प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। बीते सप्ताह के दौरान चना दाल और बेसन की मांग में मजबूती बनी रही, जिसके कारण चना की कीमत में ₹250 प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ। कमजोर आवक और बेहतर मांग के कारण तीसरे सप्ताह भी चना के भाव में मजबूती रही। स्टॉकिस्टों की खरीददारी की वजह से चना बाजार में तेजी का रुख देखा गया है, और चना का दाम पिछले 15 दिनों में 10% से ज्यादा बढ़ चुका है। मुख्य बिंदु: स्टॉकिस्टों की मजबूत खरीदी के कारण चना की कीमतों में तेजी आई है। स्टॉकिस्टों की मांग काफी मजबूत है, और इसके चलते किसान कम भाव में चना नहीं बेच रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में चने का स्टॉक 3.6 लाख टन अनुमानित है। ऑस्ट्रेलिया ने चालू विपणन वर्ष में 20.67 लाख टन चना निर्यात किया, जिसमें से 73.78% यानी 15.25 लाख टन भारत को निर्यात हुआ है। अब वहां 3.6 लाख टन चना का स्टॉक बचा हुआ है, और वे बेचने की जल्दी में नहीं हैं, क्योंकि नया फसल आने में अभी समय है। चना सरकारी खरीद: चना की सरकारी खरीद के ताजा आंकड़े अभी प्राप्त नहीं हो सके हैं, लेकिन अनुमान है कि अब तक 25,000-50,000 टन से अधिक चना की खरीद नहीं हुई होगी, जो उम्मीद से काफी कम है। अप्रैल चना आवक से तय होगा भविष्य: महाराष्ट्र और कर्नाटक से चने का बड़ा हिस्सा अब तक आवक हो चुका है। आगामी अप्रैल माह में गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चने की आवक और स्टॉकिस्टों की खरीदारी के आधार पर बाजार की दिशा तय होगी। किन स्तरों पर ध्यान दें: अगर दिल्ली चने की कीमत ₹5700 के नीचे जाती है, तो बाजार कमजोर हो सकता है। वहीं, अगर चना ₹5950 के ऊपर बंद होता है, तो यह ₹6500 तक की रेंज तक पहुंच सकता है। इस सीजन में दिल्ली चना ₹5950 के ऊपर नहीं जा सका है। शॉर्ट टर्म में दिल्ली चना की रेंज ₹5700-5950 के बीच रहने की संभावना अधिक है। अगले दो सप्ताह महत्वपूर्ण: अगले दो सप्ताह चने के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि पिछले कुछ सप्ताह से आवक उम्मीद से कम रही है। स्टॉकिस्टों को कम भाव में चना नहीं मिलने के कारण वे हर भाव पर खरीदी कर रहे हैं। खरीदी के लिए अगले सप्ताह बाजार की चाल को देखना बेहतर रहेगा।

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