गेहूं के बाजार में बदल रही है परिस्थिति!! दिल्ली में 2650 पहुँचा गेहूं
1 अप्रैल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर शुरू हुई सरकार द्वारा गेहूं की खरीद ने गति पकड़ ली है और 16 अप्रैल तक यह आंकड़ा 83.58 लाख टन तक पहुंच गया है। यदि पिछले वर्ष की इसी अवधि से तुलना करें, जब गेहूं की खरीद 43.46 लाख टन थी, तो इस सीजन में 16 अप्रैल तक हुई सरकारी खरीद में उल्लेखनीय रूप से 92 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश में गेहूं खरीद कैसी है स्थिति भारतीय खाद्य निगम (FCI) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में इस वर्ष गेहूं की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है और यह आंकड़ा अब तक 40.08 लाख टन तक पहुंच गया है। राज्य में गेहूं की खरीद इस सीजन में 15 मार्च से शुरू हुई थी। यदि पिछले वर्ष की इसी अवधि से तुलना करें, तो तब खरीद का आंकड़ा 21.67 लाख टन था। इस उत्साहजनक वृद्धि का एक मुख्य कारण मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को गेहूं पर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अतिरिक्त 175 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस देने की घोषणा है, जिसने किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए प्रोत्साहित किया है। राजस्थान में चल रही है गेहूं खरीद पिछले महीने केंद्र सरकार ने राजस्थान में गेहूं खरीद के लिए औसत गुणवत्ता मानकों में कुछ छूट दी थी। इस छूट के परिणामस्वरूप, राजस्थान में गेहूं की खरीद बढ़कर 4.8 लाख टन तक पहुंच गई है। यदि इसकी तुलना पिछले वर्ष की इसी अवधि से करें, तो उस समय खरीद का आंकड़ा केवल 96,209 टन से भी कम था। उत्तर प्रदेश और गुजरात में कैसे हैं गेहूं खरीद के हालात उत्तर प्रदेश में गेहूं की खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जहां सरकार ने पिछले वर्ष की 2.2 लाख टन खरीद के मुकाबले इस वर्ष 3.42 लाख टन गेहूं खरीदा है। वहीं, गुजरात में भी इस बार गेहूं की खरीद शुरू हुई है और अब तक 1,920 टन गेहूं खरीदा गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि तक गुजरात में कोई खरीद नहीं हुई थी। उत्तर प्रदेश में भी उठी बोनस देने की मांग खाद्य मंत्रालय के एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी ने हाल ही में गेहूं खरीद के संबंध में यह राय व्यक्त की है कि केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश में अधिक सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से यह अनुरोध करने का सुझाव दिया है कि वह गेहूं की खरीद पर बोनस की घोषणा करे, क्योंकि मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्य पहले से ही किसानों को गेहूं पर अतिरिक्त बोनस प्रदान कर रहे हैं। धीरे-धीरे पंजाब-हरियाणा में गेहूं खरीद पकड़ रही रफ्तार आमतौर पर पंजाब में गेहूं की खरीद बैसाखी के बाद गति पकड़ती है। पिछले वर्ष इसी अवधि में पंजाब में गेहूं की खरीद 74,144 टन दर्ज की गई थी, जबकि इस चालू सीजन में यह आंकड़ा बढ़कर 5.29 लाख टन तक पहुंच गया है। इसी प्रकार, पड़ोसी राज्य हरियाणा ने भी गेहूं खरीद में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की है। पिछले साल हरियाणा में 17.86 लाख टन गेहूं खरीदा गया था, जबकि इस वर्ष 67 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 29.89 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। बिहार में गेहूं खरीद के क्या हैं आंकड़े बिहार में इस समय गेहूं की कटाई तेजी से चल रही है, लेकिन सरकारी खरीद की गति अभी धीमी है। राज्य में अब तक केवल 7 हजार टन से भी कम गेहूं की खरीद हो पाई है। यदि पिछले वर्ष की इसी अवधि से तुलना करें, तो पिछले साल गेहूं खरीद का आंकड़ा 2,068 टन था। मई के पहले हफ्ते तक 266 लाख टन गेहूं खरीद की उम्मीद एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मई महीने के पहले हफ्ते तक 266 लाख टन गेहूं खरीद के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है। वर्तमान आवक के रुझान को देखते हुए, इस साल गेहूं की कुल खरीद 280 से 290 लाख टन के आसपास रहने का अनुमान है। हालांकि, अधिकारी ने यह भी कहा कि अधिकतर राज्यों से अधिक गेहूं की उपज की खबरें आ रही हैं, जिसके कारण खरीद लक्ष्य से अधिक भी हो सकती है, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। किस राज्य से कितना है गेहूं खरीद का लक्ष्य राज्य सरकारों से मिली जानकारी के आधार पर केंद्र ने इस बार 312.7 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस कुल खरीद में पंजाब से 124 लाख टन, हरियाणा से 75 लाख टन, मध्य प्रदेश से 60 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 30 लाख टन, राजस्थान से 20 लाख टन, बिहार से 2 लाख टन और गुजरात से 1 लाख टन गेहूं खरीद शामिल है। खरीद का पिछले तीन सालों से लक्ष्य नहीं हो पा रहा पूरा केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर रिकॉर्ड 433.4 लाख टन गेहूं की खरीद की थी। इस ऐतिहासिक खरीद के बाद, पिछले तीन वर्षों में खरीद लगातार अपने निर्धारित लक्ष्यों से पीछे रही है। आंकड़ों के अनुसार, सरकार ने वर्ष 2022-23 में 187.9 लाख टन गेहूं खरीदा, जबकि इस दौरान खरीद का लक्ष्य 444 लाख टन निर्धारित किया गया था। इसी प्रकार, वर्ष 2023-24 में 261.97 लाख टन की खरीद हुई, जबकि लक्ष्य 341.5 लाख टन था। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024-25 में 266.05 लाख टन गेहूं की खरीद हुई, जबकि इसका लक्ष्य 373 लाख टन था। हालांकि, कृषि मंत्रालय ने 2024-25 फसल वर्ष के दौरान गेहूं उत्पादन के 115 मिलियन टन के लक्ष्य को पार करने का अनुमान व्यक्त किया है। आगे क्या रह सकता है गेहूं का भाव दिल्ली मंडी में गेहूं का भाव 2635 पर खुला था और अभी खबरें मिल रही हैं कि बिकवाली कमजोर पड़ने व स्टॉकिस्टों की लिवाली मजबूत बनी रहने से गेहूं की कीमतों में 15 रुपये की तेजी देखी जा रही है और भाव 2650 पर बोले जा रहे हैं। यह तेजी गेहूं की डिमांड मजबूत बनी रहने से आ रही है। इस बार हरियाणा और पंजाब में गेहूं की लेट कटाई और ऊपर से बारिश की मार के कारण आवक और गेहूं की सरकारी खरीद मंदी चल रही है। जैसे ही आवक बढ़ेगी, वैसे ही कीमतों पर दबाव बनेगा और कीमतें दिल्ली मंडी में 2575 से 2600 तक आ सकती हैं। बाकी अभी डिमांड बनी हुई है जिससे तेजी देखी जा रही है। चौतरफा फसल अच्छी हुई है और सरकार को पूरा भरोसा है कि वे इस साल अपना 312.70 लाख टन का लक्ष्य हासिल कर पाएंगे। अगर सरकार अपना लक्ष्य हासिल कर लेती है तो आने वाले समय में सरकार गेहूं की कीमतों को अपने कंट्रोल में करेगी, जिससे गेहूं की कीमतों को ज्यादा बढ़ने नहीं देगी।