दलहन बाज़ार रिपोर्ट
देसी चना देशभर में देसी चने का उत्पादन इस बार कम होने की संभावना है। गुजरात में भले ही कुछ व्यापारी उत्पादन को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहे हैं, लेकिन असलियत यह है कि सभी प्रमुख क्षेत्रों में प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में गिरावट आई है। मुंदड़ा पोर्ट पर ऑस्ट्रेलिया से भी कोई बड़ा स्टॉक मौजूद नहीं है। ऐसे में मौजूदा भाव पर खरीदारी लाभदायक साबित हो सकती है। पिछले सप्ताह दाल मिलों की जोरदार मांग के चलते देसी चना 100 रुपए की तेजी के साथ लॉरेंस रोड पर 5850 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। हाजिर स्टॉक की कमी और उत्पादन में गिरावट को देखते हुए आगे और तेजी के आसार हैं। यदि माल उपलब्ध हो तो खरीदना उचित रहेगा। काबुली चना आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से आ रहा काबुली चना इस बार गुणवत्ता में बेहतरीन है, वहीं मध्य प्रदेश की आवक आने वाले दिनों में बढ़ने की संभावना है। इसके बावजूद महाराष्ट्र का काबुली चना 73 रुपए प्रति किलो पर जोखिममुक्त लग रहा है। बाजार में आगे गिरावट की गुंजाइश कम नजर आ रही है, इसलिए व्यापार फिलहाल सुरक्षित माना जा सकता है। मटर मटर के शुल्कमुक्त आयात की समयसीमा पहले 28 फरवरी थी, जिसे बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया। इसके कारण पहले जो मटर 42-43 रुपए प्रति किलो बिक रही थी, वह घटकर 35-36 रुपए रह गई थी। लेकिन पिछले सप्ताह इसमें फिर से 2 रुपए प्रति किलो की तेजी देखने को मिली। बंदरगाहों पर भारी स्टॉक नहीं है और घरेलू उत्पादन मात्र 15% है, ऐसे में भविष्य में कीमतों में अच्छी तेजी आ सकती है। मसूर नई मसूर की आवक मध्य प्रदेश के मुंगावली, गंज बासौदा, सागर, भोपाल और बीनागंज की मंडियों में हो रही है। हालांकि, प्रति हेक्टेयर पैदावार कम होने से बाजार में दबाव नहीं है। वहीं, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में मसूर की फसल में रोग लगने से दाने कमजोर आए हैं। इसके चलते देसी मसूर के भाव 6620-6650 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। कनाडा की मसूर भी 6300 रुपए से कम में बिकने को तैयार नहीं है, जिससे आगे और तेजी के संकेत हैं। उड़द नई उड़द की आवक रंगून में शुरू हो चुकी है और वहां से कुछ माल भी लोड होने लगा है। चेन्नई में अप्रैल माह के लिए आयातक 8200 रुपए में बिकवाली कर रहे हैं, जिससे फिलहाल तेजी की कोई संभावना नहीं बन रही। FAQ ग्रेड उड़द यहां 7600 रुपए में बिक रही है। हाजिर माल की बिक्री में कमी है, इसलिए बाजार स्थिर रहेगा और छोटे सौदों में व्यापार बेहतर रहेगा। मूंग राजस्थान में इस बार मूंग का उत्पादन अच्छा रहा है, जिससे नई फसल की आवक के बावजूद भाव में 200-300 रुपए की ही हलचल है। अभी सीजन जैसे भाव नहीं आ पाए हैं। मध्य प्रदेश से भी हल्का-भारी माल लगातार आ रहा है और अगले महीने से आवक और बढ़ेगी। दाल की बिक्री कमजोर है और बाजार में पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। ऐसे में मूंग में तेजी की संभावना नहीं दिख रही है और जो भी भाव मिलें, उन पर माल बेचते रहना चाहिए। तुवर गर्मी की तुवर का उत्पादन केवल 45% रह गया है, क्योंकि किसान तुवर की खेती से पीछे हट रहे हैं। कर्नाटक और महाराष्ट्र से फिलहाल कुछ माल आ रहा है, लेकिन वहां से पड़ते में बहुत कम आपूर्ति हो रही है। चेन्नई में लेमन तुवर के भाव ऊंचे हो जाने से यहां का बाजार महंगा हो गया है। दूसरी ओर, दाल मिलों की मांग में सुधार के चलते कच्चे माल के भाव 50 रुपए बढ़कर 7445-7450 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। दाल के भाव भी मजबूत हो रहे हैं। ऐसे में आने वाले सप्ताह में बाजार में 200 रुपए तक की और तेजी आ सकती है। इन भावों में स्टॉक करना लाभदायक रहेगा।