आयात लागत और आपूर्ति संकट के बीच उड़द की कीमतों में तेजी
उड़द के बाजार में धीरे-धीरे तेजी का माहौल बनता दिखाई दे रहा है। दक्षिण भारत की कई दाल मिलों ने उड़द की खरीद में इजाफा किया है, जिससे मांग में हलचल बढ़ी है। म्यांमार से जून-जुलाई शिपमेंट के लिए उड़द के दामों में $10 प्रति टन की तेजी आई है और ये अब $880 तक पहुंच गए हैं। मस्क उड़द के सीआईएफ रेट्स में $20 की तेजी के साथ भाव $860 प्रति टन तक हो गए हैं। इस अंतरराष्ट्रीय तेजी का असर घरेलू बाजारों में भी नजर आने लगा है। सूरत में गॉलेज उड़द ₹50 बढ़कर ₹7,150 और पारसीया उड़द ₹7,300 प्रति क्विंटल तक पहुंच गई। दिल्ली में उड़द के भाव ₹225 की तेजी के साथ ₹7,125 तक पहुंचे, जबकि प्रीमियम किस्मों में रेट ₹7,950 प्रति क्विंटल तक बोले गए। हालांकि भारी बिक्री और सीमित खरीदारी के कारण कुछ स्थानों पर भाव स्थिर रहे। मध्य प्रदेश के जबलपुर और गुना मंडियों में उड़द की आवक कम रही, जिससे भाव को सहारा मिला। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से उड़द की आमद में भी गिरावट देखने को मिली है। महाराष्ट्र में उत्पादन के अनुमान घटे हैं, जिससे व्यापारी भाव में और सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। मुंबई में ₹225 की तेजी के साथ रेट ₹6,400 तक पहुंच गए, हालांकि कुछ जगहों पर ₹6,722 पर भाव स्थिर बने हुए हैं। बीते सप्ताह की तुलना में मंडियों में ग्राहकी में हल्का सुधार देखने को मिला है, लेकिन थोक खरीदार अभी भी सतर्क रुख अपनाए हुए हैं। वहीं, 7 जुलाई से सरकार द्वारा उड़द और मूंग की एमएसपी पर खरीदी शुरू होने जा रही है, जिसके लिए पंजीकरण जारी है। इस घोषणा ने बाजार में सकारात्मक मनोबल पैदा किया है। कुल मिलाकर, घटती सप्लाई, आयात की बढ़ती लागत और मिलों की मांग में बढ़ोतरी से उड़द के दामों में आने वाले दिनों में और तेजी की संभावना जताई जा रही है। व्यापारी भाइयों से आग्रह है कि वे बाजार में विवेकपूर्ण और संयमित तरीके से कारोबार करें।