1 जुलाई 2025 तक केन्द्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक बढ़कर 739.80 लाख टन, जून की तुलना में मामूली गिरावट

चावल और गेहूं की अच्छी सरकारी खरीद के चलते 1 जुलाई 2025 तक केन्द्रीय खाद्यान्न भंडार बढ़कर 739.80 लाख टन पहुंच गया है। यह आंकड़ा 1 जुलाई 2024 के मुकाबले 131.05 लाख टन ज्यादा और 1 जुलाई 2023 के मुकाबले 184.86 लाख टन अधिक है। हालांकि, 1 जून 2025 को यह स्टॉक 749.18 लाख टन था, यानी इसमें 9.38 लाख टन की मासिक गिरावट दर्ज की गई है। मासिक तुलना में: चावल का स्टॉक जून 2025 के 379.90 लाख टन से घटकर जुलाई 2025 में 374.80 लाख टन हो गया, यानी 5.10 लाख टन की कमी। गेहूं का स्टॉक भी 369.28 लाख टन से घटकर 365 लाख टन रह गया, जो कि 4.28 लाख टन की गिरावट है। वार्षिक तुलना में (जुलाई 2024 बनाम जुलाई 2025): चावल का स्टॉक 48.66 लाख टन अधिक होकर 374.80 लाख टन पहुंचा, जबकि जुलाई 2024 में यह 326.14 लाख टन था। गेहूं का स्टॉक भी 282.61 लाख टन से बढ़कर 365 लाख टन हो गया, यानी 82.39 लाख टन की वृद्धि। धान के भंडार में गिरावट देखने को मिली है: 1 जुलाई 2025 को धान का स्टॉक घटकर 198.90 लाख टन रह गया है, जो 1 जून 2025 के 322.55 लाख टन और 1 जुलाई 2024 के 237.09 लाख टन से काफी कम है। अन्य प्रमुख बातें: गेहूं की सरकारी खरीद 30 जून को बंद हो गई है, लेकिन रबी व ग्रीष्मकालीन धान की खरीद अभी कुछ क्षेत्रों में जारी है। इस बार गेहूं की खरीद 300 लाख टन से ऊपर रही है, जबकि चावल की खरीद भी पिछले वर्ष से 1% ज्यादा हुई है। अगली धान की खरीद अक्टूबर 2025 में शुरू होगी, जबकि गेहूं की खरीद मार्च�अप्रैल 2026 में की जाएगी। सरकारी आश्वासन: सरकार का कहना है कि घरेलू जरूरतों के लिए खाद्यान्न का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पर कोई खतरा नहीं है। चावल और गेहूं की घरेलू बाजार में आपूर्ति व उपलब्धता सुचारु बनी हुई है। सरकार अगले महीने से ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत गेहूं की बिक्री शुरू करने की योजना बना रही है ताकि बाजार में आपूर्ति को संतुलित रखा जा सके। हालांकि, चावल का अत्यधिक स्टॉक अगले खरीफ विपणन सीजन 2025-26 में सुरक्षित भंडारण की चुनौती खड़ी कर सकता है।

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