साप्ताहिक भारत मानसून पूर्वानुमान: क्षेत्रीय वर्षा की मुख्य बातें और हवा संबंधी अलर्ट

उत्तर-पश्चिम भारत में अगले कुछ दिनों में मध्यम से भारी वर्षा होने की उम्मीद है, जबकि उत्तराखंड और पूर्वी राजस्थान में अगले पांच दिनों तक गीली स्थिति रहने की संभावना है। इस बीच, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिनों में वर्षा की गतिविधि देखने का अनुमान है। वर्तमान में गंगीय पश्चिम बंगाल और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित एक निम्न दबाव प्रणाली के साथ एक चक्रवाती परिसंचरण है जो औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक फैला हुआ है। इस प्रणाली के धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जिसका असर अगले दो दिनों में झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों पर पड़ेगा। पूर्वी और मध्य भारत में हल्की से मध्यम वर्षा होने की उम्मीद है, जबकि अगले 4-5 दिनों तक मध्य प्रदेश में भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है। छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों में इसी तरह की वर्षा पैटर्न देखने को मिलेगा, जबकि गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड और ओडिशा में कल तक ऐसी ही स्थिति रहने की संभावना है। एक द्रोणिका अब पूर्वोत्तर अरब सागर से गंगीय पश्चिम बंगाल और उसके आसपास स्थित निम्न दबाव वाले क्षेत्र तक फैली हुई है। यह क्षेत्र दक्षिणी गुजरात, उत्तरी महाराष्ट्र, मध्य छत्तीसगढ़ और उत्तरी ओडिशा तक फैला हुआ है और समुद्र तल से 3.1 किमी से 7.6 किमी की ऊँचाई पर स्थित है। अगले सात दिनों में पश्चिम भारत में कोंकण और गोवा तथा मध्य महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। इस बीच, तीन से चार दिनों के बाद सौराष्ट्र और कच्छ में भारी वर्षा होने की संभावना है, जो उन क्षेत्रों में और अधिक तीव्र अवधि को चिह्नित करती है। आने वाले दिनों में दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में मध्यम वर्षा होने की संभावना है, विशेष रूप से तटीय कर्नाटक और केरल में अगले 4-5 दिनों में भारी वर्षा का पूर्वानुमान है। तेलंगाना में कल तक वर्षा जारी रहेगी। इसके अतिरिक्त, अगले पांच दिनों तक पूरे क्षेत्र में 40-50 किमी प्रति घंटे की गति से तेज़ सतही हवाएँ चलने की संभावना है।

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