उड़द बाजार का ताजा विश्लेषण: मांग स्थिर, कीमतों में हल्की तेजी की संभावना
उड़द बाजार में फिलहाल ज्यादा मंदी की संभावना नहीं दिख रही है। म्यांमार से आने वाली उड़द एफएक्यू और एसक्यू के जुलाई-अगस्त शिपमेंट के भाव क्रमशः 765 डॉलर और 835 डॉलर प्रति टन सीएएफ पर स्थिर हैं, वहीं लेमन अरहर के भाव 5 डॉलर घटकर 730 डॉलर पर आ गए हैं। म्यांमार में 9 जुलाई को अवकाश के कारण बाजार बंद रहेगा। वहां एसक्यू उड़द के दाम बढ़े हैं लेकिन एफएक्यू के भाव स्थिर हैं। दूसरी ओर, घरेलू बाजार में उड़द की कीमतों में मिलाजुला रुख है। दाल मिलों की मांग अभी सीमित बनी हुई है, जिससे कीमतों में तत्काल तेजी नहीं देखी जा रही है। जबलपुर और गुजरात की मंडियों में समर उड़द की आवक पहले से ज्यादा हो गई है। हालांकि, खपत का सीजन शुरू होने और दक्षिण भारत की मिलों की खरीद बढ़ने से उड़द की कीमतों में जल्द ही हल्की तेजी आ सकती है। मध्य प्रदेश में एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है। आयात के आंकड़ों की बात करें तो जनवरी से जून 2025 के बीच ब्राजील से कुल 33,470 टन उड़द का आयात हुआ है, जिसमें जून माह में 3,653 टन का आयात दर्ज हुआ, जो मई के मुकाबले अधिक है। मंडियों की स्थिति देखें तो चेन्नई में एफएक्यू के भाव 6,625 से 6,650 रुपये प्रति क्विंटल और एसक्यू के 7,275 रुपये पर आ गए हैं, दोनों में 50 रुपये की गिरावट दर्ज हुई है। दिल्ली में एफएक्यू 7,075 से 7,100 रुपये और एसक्यू 7,725 से 7,750 रुपये प्रति क्विंटल रहा, जिसमें एसक्यू 25 रुपये नरम रहा। मुंबई में एफएक्यू 6,675 रुपये पर स्थिर है, और कोलकाता में भी एफएक्यू के भाव 6,850 रुपये पर स्थिर रहे। दक्षिण भारत की बात करें तो गुंटूर में पॉलिश उड़द 50 रुपये तेज होकर 6,900 रुपये, जबकि विजयवाड़ा में पॉलिश उड़द 50 रुपये नरम होकर 7,050 रुपये प्रति क्विंटल पर रहा। बाजार जानकारों का मानना है कि जुलाई के अंत से मांग में सुधार आएगा और इससे उड़द की कीमतों में हल्की तेजी संभव है, खासकर जब खपत का दबाव और दाल मिलों की रुचि दोनों बढ़ेंगी। अभी विकवाली का दबाव कम है लेकिन खरीद भी सीमित बनी हुई है, जिससे बाजार फिलहाल संतुलित अवस्था में चल रहा है। म्यांमार से निर्यात चालू है लेकिन बड़े उतार-चढ़ाव नहीं हैं। दक्षिण भारतीय राज्यों में दाल की खपत के बढ़ने से मांग का सपोर्ट मिल सकता है।