बाजार रिपोर्ट: पाम और सोया तेल बाजार में सकारात्मक रुख

खाद्य तेल बाजार इस समय रिकवरी के दौर से गुजर रहा है और पाम तेल व सोया तेल (SOPA) में खरीदारी की नई रुचि देखने को मिल रही है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर इन तेलों में तेजी का रुख दिखाई दे रहा है। पाम तेल की कीमतों में घरेलू बाजार में अच्छी रिकवरी देखी गई है, जिसकी मुख्य वजह मलेशिया के KLC एक्सचेंज में मजबूती रही। यहां कीमतों में लगभग ₹4-5 प्रति किलो की तेजी दर्ज की गई, जिससे बाजार की धारणा मजबूत हुई है। हालांकि मलेशियन निर्यात आंकड़े कमजोर रहे हैं, जिससे थोड़ी बहुत करेक्शन की संभावना जताई जा रही है, लेकिन किसी बड़ी गिरावट का संकेत नहीं है। बाजार विशेषज्ञ जैसे कि मंडी मार्केट मीडिया का मानना है कि ऐसी गिरावटों को खरीदारी के मौके के रूप में देखा जाना चाहिए। शुरुआती कारोबार में मलेशिया के KLC एक्सचेंज पर अगस्त कॉन्ट्रैक्ट 10 रिंगिट की गिरावट के साथ RM 4148 पर खुला, जबकि नवंबर कॉन्ट्रैक्ट 3 रिंगिट की तेजी के साथ RM 4234 पर बंद हुआ। इसी तरह, चीन के डालियन एक्सचेंज पर RBD पामोलीन वायदा में भी हल्की तेजी देखने को मिली और जुलाई कॉन्ट्रैक्ट 30 युआन बढ़कर ¥8770 तक पहुंच गया। सोया तेल की बात करें तो घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में ₹5-10 प्रति 10 किलो की तेजी दर्ज की गई है। खासतौर पर कांडला SOPA तेल ₹1185 के रेजिस्टेंस लेवल पर बंद हुआ। यदि यह स्तर पार हो जाता है तो विशेषज्ञों के अनुसार कीमतें ₹1240-1250 तक जा सकती हैं। इसके अलावा, निचले स्तरों से ₹3-4 प्रति किलो की रिकवरी ने बाजार में विश्वास बहाल किया है। दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सोया तेल का आउटलुक अब भी मजबूत बना हुआ है, जिसे वैश्विक बाजार से भी समर्थन मिल रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (CBOT) में सोया कॉम्प्लेक्स में मजबूती देखने को मिली। सितंबर वायदा में सोया तेल की कीमत $0.22 की तेजी के साथ 654.64 पर बंद हुई। साथ ही सोया मील $3.2 और सोयाबीन $18.4 की मजबूती के साथ बंद हुए, जिससे समग्र रूप से सकारात्मक सेंटिमेंट देखने को मिला। वहीं चीन में भी अगस्त से नवंबर तक सोया तेल वायदा में लगातार तेजी बनी रही और नवंबर डिलीवरी का कॉन्ट्रैक्ट ¥8070 पर पहुंचा, जिसमें ¥40 की बढ़त देखी गई। कुल मिलाकर, पाम और सोया तेल दोनों ही बाजार निचले स्तरों से धीरे-धीरे रिकवर कर रहे हैं। हाजिर और वायदा बाजारों में खरीदारों की सक्रियता बढ़ रही है। इसके अलावा, त्योहारी मांग और सरसों की बढ़ती कीमतें भी तेल कीमतों को सपोर्ट दे रही हैं।

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