स्टॉक सीमा में कटौती से गेहूं के दाम में हल्की नरमी, आपूर्ति सामान्य

केंद्र सरकार द्वारा 26 अगस्त को गेहूं की भंडारण सीमा (स्टॉक लिमिट) में कटौती किए जाने के बाद देशभर की प्रमुख मंडियों में गेहूं के थोक भाव में मामूली गिरावट देखी गई है। थोक विक्रेताओं, स्टॉकिस्टों, खुदरा व्यापारियों, प्रोसेसर्स और बड़ी रिटेल चेन के लिए निर्धारित स्टॉक सीमा में कटौती के बाद बाजार में कीमतें थोड़ी नरम पड़ी हैं। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह गिरावट बाजार की सामान्य चाल का हिस्सा है, न कि केवल स्टॉक सीमा में बदलाव का असर। भावों में उतार-चढ़ाव दिल्ली: सप्ताह (23-27 अगस्त) के दौरान गेहूं का भाव 23 रुपए घटकर 2825 रुपए प्रति क्विंटल रहा। इंदौर: भाव में 200 रुपए की गिरावट दर्ज की गई और यह 2500-3000 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। इटारसी: 40 रुपए गिरकर भाव 2580-2610 रुपए प्रति क्विंटल रहा। उज्जैन: अपवादस्वरूप यहां 50 रुपए की बढ़त दर्ज की गई और भाव 2625-3100 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया। कोटा व बूंदी (राजस्थान): क्रमशः 37 रुपए और 20 रुपए की गिरावट के साथ दाम 2613 रुपए और 2550-2580 रुपए प्रति क्विंटल रहे। उत्तर प्रदेश की स्थिति उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी गेहूं के दाम में करीब 40 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट देखी गई। यहां किसानों ने पहले ऊंचे भाव की उम्मीद में स्टॉक रोका हुआ था, लेकिन स्टॉक सीमा में कटौती और सरकारी हस्तक्षेप की संभावना को देखते हुए कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना अब कम हो गई है। आपूर्ति की स्थिति दिल्ली: रोजाना 6000-6500 बोरी गेहूं की आवक हो रही है। मध्य प्रदेश: मंडियों में गेहूं की आवक अनियमित है। उत्तर प्रदेश: आपूर्ति बेहतर है, लेकिन किसान अभी भी स्टॉक संभालकर चल रहे हैं। आगे की संभावनाएं सरकार केन्द्रीय पूल से OMSS (Open Market Sale Scheme) के तहत गेहूं की नीलामी बिक्री कभी भी शुरू कर सकती है, जिससे बाजार में आपूर्ति और दाम पर अतिरिक्त दबाव बन सकता है। फिलहाल गेहूं के दाम में आई नरमी हल्की और अस्थायी है। बाजार सामान्य गति से ही चल रहा है और सरकार के अगले कदमों से इसकी दिशा तय होगी।

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