मक्का बाजार में गिरावट का रुख, नई फसल और स्टॉक निकासी से बढ़ा दबाव

मक्का बाजार में पिछले 10 दिनों से कमजोर रुझान देखने को मिल रहा है। दक्षिण भारत में कीमतों में गिरावट का मुख्य कारण स्टॉकिस्टों द्वारा पुराने माल की बिक्री और नई फसल की बंपर आवक की संभावना है। नमक्कल में प्रीमियम मक्का की कीमत जुलाई के अंत में ₹2700 प्रति क्विंटल थी, जो अब घटकर ₹2500 तक आ गई है। इसी तरह, कर्नाटक और महाराष्ट्र के बाजारों में भी गिरावट जारी है। सांगली में प्रीमियम मक्का का भाव 12 अगस्त को ₹2600 था, जो 30 अगस्त तक घटकर ₹2475 रह गया। हालांकि, कुछ मंडियों में थोड़ी बहुत तेजी भी देखी गई है। नीमच मंडी में मक्का के भाव में ₹50 की बढ़त रही। दिल्ली में यूपी लाइन का मक्का ₹2350, बिहार लाइन का ₹2600, गुलाबबाग में ₹2400, कटवारा में ₹2300 और बुलंदशहर में ₹2150 प्रति क्विंटल रहा। उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में फिलहाल मक्का की कीमतें स्थिर हैं, लेकिन जैसे-जैसे नई फसल की आवक बढ़ेगी, इन बाजारों पर भी दबाव देखने को मिलेगा। बरसात के कारण मक्का में नमी बढ़ी है, जिससे स्टॉकिस्ट स्टॉक करने से बच रहे हैं और तेजी से माल निकाल रहे हैं। इस बार मक्का की बुवाई भी 15% अधिक हुई है, जिससे उत्पादन बढ़ने की पूरी संभावना है। ऐसे में कीमतों पर और दबाव बन सकता है। इथेनॉल उद्योग से कुछ हद तक मांग बनी हुई है, लेकिन यह बाजार को अधिक सहारा नहीं दे पा रही। दिल्ली लाइन में इथेनॉल प्लांट्स के लिए मक्का ₹2300 में पहुँच रहा है, जबकि बिहार का मक्का अब भी ₹2360 में खरीदा जा रहा है। गुलाबबाग जैसी बड़ी मंडियों पर भी आगामी दिनों में दबाव बढ़ने की आशंका है। आने वाले समय में मक्का बाजार में तेजी की उम्मीद कम है और बाजार का रुख फिलहाल विक्रेताओं के पक्ष में दिखाई दे रहा है।

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