मक्का बाज़ार अपडेट: नवरात्रि से पहले हल्की तेज़ी की संभावना, बारिश और कटाई पर नज़र

देशभर के मक्का किसानों और व्यापारियों के लिए यह समय सोच-समझकर निर्णय लेने का है। हालिया मौसम परिस्थितियों, मंडी रुझानों और अंतरराष्ट्रीय संकेतों के आधार पर मक्का के भावों में हलचल बनी हुई है। इस हफ़्ते मक्का के भावों में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन आगे आने वाले दिनों में बाज़ार में तेज़ी के संकेत भी मिल रहे हैं। बाज़ार की वर्तमान स्थिति: दिल्ली मंडी (यूपी लाइन): ₹2350 प्रति क्विंटल बिहार लाइन: ₹2600 प्रति क्विंटल मुज़फ़्फ़रपुर: ₹2275 प्रति क्विंटल गुलाबबाग (पूर्णिया): ₹2175–2350 प्रति क्विंटल सेमापुर-मानसी लाइन: ₹2350–2470 प्रति क्विंटल एटा, पहासू, कासगंज (यूपी): ₹2160–2170 प्रति क्विंटल गोदाम पहुंच: ₹2180 प्रति क्विंटल इस सप्ताह भावों में 25–50 रुपये तक की गिरावट देखी गई, परंतु कुछ मंडियों में गुणवत्ता के अनुसार 20 रुपये की तेज़ी भी दर्ज की गई। मौसम और फसल की स्थिति: 1. बारिश के चलते कटाई में देरी हो रही है, जिससे मंडियों में आपूर्ति सीमित बनी हुई है। 2. स्टॉक में सूखी मक्की की उपलब्धता कम होने से व्यापारी और स्टॉकिस्ट दोबारा सक्रिय हो सकते हैं। 3. देशभर में इस बार मक्का की खेती 91.89 लाख हेक्टेयर में हुई है, जिसमें महाराष्ट्र (नाशिक, जलगाँव) जैसे प्रमुख जिलों का बड़ा योगदान है। क्या कहते हैं बाज़ार संकेतक? 1. नवरात्रि से पहले हल्की तेज़ी की उम्मीद, लेकिन त्योहारी सीजन में पोल्ट्री सेक्टर की माँग में गिरावट संभावित है। 2. औद्योगिक माँग बढ़ने पर मक्का के दाम में सुधार आ सकता है। 3. कटाई में देरी से आपूर्ति घटेगी, जिससे भावों में सुधार संभव है। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार से संकेत: 1. अमेरिका की 74% मक्का फसल अब डेंटेड (दाना भरने की अवस्था) में है और 25% परिपक्व हो चुकी है। 2. कटाई की शुरुआती प्रगति 4% तक हुई है। 3. NASS रिपोर्ट के अनुसार, फसल की गुणवत्ता में हल्की गिरावट (1%) दर्ज की गई है। 4. 4 सितम्बर सप्ताह में अमेरिका से 14.43 लाख टन मक्का का निर्यात, जो पिछले साल की तुलना में 69.8% अधिक है। 5. सबसे बड़ा खरीदार: मेक्सिको (5.73 लाख टन), जापान और कोलंबिया प्रमुख। आने वाले दिन: क्या रखें ध्यान में? 22 सितंबर से नवरात्रि शुरू होने पर पोल्ट्री सेक्टर से माँग घटने की आशंका है, जिससे भावों पर दबाव बन सकता है। बिहार की रबी मक्की अब समाप्ति पर है, जिससे अच्छी क्वालिटी की मक्की मिलना कठिन होता जा रहा है। मंडियों में बढ़िया क्वालिटी की मक्की की कमी बनी हुई है, जो भविष्य में तेज़ी का कारण बन सकती है। सलाह: किसान भाई जल्दबाज़ी में बिकवाली से बचें, आने वाले दिनों में हल्की तेज़ी संभव है। व्यापारी वर्ग: स्टॉक बनाने का उपयुक्त समय आ सकता है, ख़ासतौर पर सूखी और अच्छी क्वालिटी की मक्की पर ध्यान दें। अगले दो हफ्तों में मौसम, कटाई की प्रगति और मंडी आवक ही तय करेंगे कि मक्का बाज़ार ऊँचाई पकड़ेगा या दबाव में रहेगा ।

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