गेहूं बाजार रिपोर्ट: ओएमएसएस टेंडरों में सीमित प्रतिक्रिया, कीमतों में स्थिरता की संभावना

सारांश भारत सरकार ने घरेलू आपूर्ति को संतुलित करने और कीमतों को स्थिर बनाए रखने के उद्देश्य से हाल ही में ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत उत्तर भारत के कई राज्यों में गेहूं के टेंडर जारी किए। हालांकि, निजी फ्लोर मिलों और व्यापारियों की ओर से इन टेंडरों को सीमित प्रतिक्रिया मिली, क्योंकि खुले बाजार में गेहूं अपेक्षाकृत सस्ते दामों पर उपलब्ध था। परिणामस्वरूप, बिक्री मात्रा उम्मीद से कम रही, जिससे आने वाले महीनों में गेहूं की कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना कम दिखाई देती है। उत्पादन और सरकारी खरीद की स्थिति इस वर्ष देश में गेहूं का उत्पादन मजबूत रहा है, और पिछले आठ महीनों से प्रमुख मंडियों में इसकी निरंतर आवक बनी हुई है। चालू विपणन वर्ष में सरकार ने लगभग 300 लाख मीट्रिक टन (30 मिलियन टन) गेहूं की खरीद की है, जो पिछले वर्ष की 266 लाख टन की तुलना में अधिक है। वर्ष 2022-23 में 187 लाख टन और 2023-24 में 262 लाख टन खरीद हुई थी। इस बार अधिक खरीद का कारण है अधिक रकबे में बुवाई और अनुकूल मौसम। पिछले तीन वर्षों से ऊंचे दाम मिलने के कारण किसानों ने इस बार गेहूं की बुवाई में वृद्धि की। परिणामस्वरूप, देश का कुल उत्पादन लगभग 50 लाख टन बढ़कर 1153 लाख टन के आसपास पहुंच गया है। उच्च उत्पादन और सुचारू आवक के कारण मंडियों में गेहूं की भरपूर आपूर्ति बनी हुई है। सरकारी और निजी भंडार दोनों ही स्तर पर पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, जिससे रोलर फ्लोर मिलों और आटा व्यापारियों की मांग आसानी से पूरी हो रही है। बाजार की स्थिति और भाव पिछले वर्ष गेहूं के दाम ₹3,350-₹3,400 प्रति क्विंटल तक पहुंच गए थे। ऊंचे भाव को देखते हुए मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के स्टॉकिस्टों ने सीजन की शुरुआत में भारी मात्रा में गेहूं की खरीद की थी। अब जब नई फसल को आए लगभग पांच महीने हो चुके हैं, ये स्टॉक धीरे-धीरे बाजार में उतर रहे हैं, जिससे कीमतों पर नीचे जाने का दबाव बना हुआ है। वर्तमान में मिल व चक्की डिलीवरी रेट गुणवत्ता के अनुसार ₹2,800-₹2,820 प्रति क्विंटल के आसपास हैं। हाल ही में हुए ओएमएसएस टेंडर में सरकार का रिजर्व प्राइस ₹2,550 प्रति क्विंटल तय किया गया था। दिल्ली में बोली ₹2,670-₹2,690 और हरियाणा में ₹2,600-₹2,620 प्रति क्विंटल के बीच रही। उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अधिकांश मिलों ने टेंडर में भाग नहीं लिया, क्योंकि खुले बाजार में उन्हें ₹2,650-₹2,660 प्रति क्विंटल में गेहूं उपलब्ध हो रहा था। पंजाब में केवल 60% मिलों ने ही खरीद की, जिससे वहां भी बड़ी मात्रा में गेहूं बिकने से बच गया। भावी दृष्टिकोण (Outlook) देशभर में इस समय नई फसल की बुवाई तेजी से चल रही है और अप्रैल 2026 तक नई फसल बाजार में आने की संभावना है। यानी मौजूदा फसल की खपत के लिए अब केवल तीन महीने का समय बचा है। वर्तमान परिस्थितियों में पर्याप्त आपूर्ति और सीमित मांग को देखते हुए निकट भविष्य में गेहूं की कीमतों में तेज बढ़ोतरी की संभावना कम है। यदि आने वाले हफ्तों में सरकार की टेंडर बिक्री सीमित रहती है, तो कीमतें हल्की बढ़कर ₹2,900 प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती हैं। अन्यथा, नई फसल आने तक गेहूं की कीमतें ₹2,800-₹2,850 प्रति क्विंटल के दायरे में स्थिर रहने की संभावना है।

Insert title here