गुणवत्ता अंतर और सीमित आपूर्ति से प्रभावित मौजूदा मूंग बाज़ार की स्थिति

इस वर्ष कम गुणवत्ता वाली मूंग की अधिक आवक होने के कारण गुणवत्ता का अंतर काफी बढ़ गया। इसके चलते बाज़ार में अधिक तेजी नहीं आ सकी। दाम कभी-कभी थोड़ा बढ़े, लेकिन तुरंत वापस गिर गए। हालांकि, वर्तमान भावों पर कोई बड़ा जोखिम नहीं है और आने वाले समय में व्यापार लाभदायक रहने की उम्मीद है। ध्यान देने योग्य है कि अलग-अलग राज्यों में मूंग की आवक अलग समय पर होती है, और इसकी फ़सल खरीफ़ और रबी दोनों मौसमों में आती है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की गर्मी की मूंग की पैदावार अपेक्षाकृत कम रही। इसलिए जब राजस्थान और महाराष्ट्र की खरीफ़ फसल आई, तब तक इन राज्यों की रबी फ़सल का स्टॉक लगभग खत्म हो चुका था। वर्तमान में राजस्थान की लगभग 90% मूंग की आवक हो चुकी है और बिक्री जारी है। गुणवत्ता के अनुसार इसकी कीमत ₹5,000 से ₹6,700 प्रति क्विंटल के बीच है। नई फ़सल जल्द आने की संभावना नहीं है; अगली रबी की फ़सल मार्च के बाद ही आएगी। बाज़ार पर दबाव भी कम हुआ है। इसके अलावा, सरकार ने शेखावटी, किशनगढ़, कांकरी, मेड़ता, बाड़मेर, नागौर, दौसा और डीडवाना जैसे क्षेत्रों में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹8,768 प्रति क्विंटल पर मूंग की कुछ मात्रा खरीदी है। रिपोर्टों के अनुसार, कुछ स्थानों पर खरीद अभी भी जारी है। इस वर्ष MSP में ₹186 की वृद्धि की गई है। MSP बढ़ने के कारण खरीद केंद्रों पर दबाव बढ़ा है, हालांकि सरकारी खरीद माँग के अनुरूप नहीं रही। चुनी हुई अच्छी गुणवत्ता वाली मूंग लगभग ₹7,800-₹8,000 प्रति क्विंटल बिक रही है, जबकि औसत गुणवत्ता वाली मूंग ₹5,000-₹7,600 प्रति क्विंटल के बीच बिक रही है। परिस्थितियाँ कठिन होने के बावजूद, राजस्थान की अधिकांश मूंग की खपत हो चुकी है और कम गुणवत्ता वाला स्टॉक भी लगभग साफ हो गया है। इन सभी स्थितियों को देखते हुए, वर्तमान भावों पर मूंग का व्यापार आगे चलकर लाभदायक रहने की संभावना है। अगली फ़सल आने में अभी समय है और विभिन्न राज्यों में मौसम की स्थिति भी अनिश्चित बनी हुई है। इसलिए, मौजूदा दामों पर व्यापार करना उपयुक्त रहेगा।

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