जीरे की कीमतों में गिरावट: आपूर्ति बढ़ने और मांग घटने से बाजार पर दबाव
जीरे की कीमतों में मौजूदा गिरावट मुख्य रूप से घरेलू मांग में कमजोरी के कारण हो रही है। इसके प्रमुख कारणों में घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में मांग में कमी, चीन से सस्ते जीरे का आयात, किसानों द्वारा स्टॉक जारी करना, और पिछले साल की रिकॉर्ड कीमतों के बाद अधिक फसल की उम्मीदें शामिल हैं। तुर्की और सीरिया जैसे देशों से आपूर्ति में रुकावट के बावजूद, भारतीय बाजार में पर्याप्त माल उपलब्ध है, और खरीदार कीमतों को लेकर सतर्क हैं, जिससे सट्टेबाजी कम हुई है और कीमतों में गिरावट आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले साल की कीमतों में उछाल के बाद, वर्तमान गिरावट का मुख्य कारण बड़ी फसल और अधिक बुवाई की उम्मीद है, जिसके कारण बाजार में आवक बढ़ी है और घरेलू व निर्यात मांग में गिरावट आई है। चीन और बांग्लादेश जैसे प्रमुख खरीदारों ने जीरे के आयात में भारी कमी की है, जिससे निर्यात प्रभावित हुआ है। इसके अतिरिक्त, पिछले साल की उच्च कीमतों के कारण किसानों ने जीरे का स्टॉक जमा किया था, और अब वे अनिश्चितता के कारण अपना माल बाजार में उतार रहे हैं, जिससे आपूर्ति में और वृद्धि हो रही है। चीन से सस्ते जीरे का आयात और तुर्की व सीरिया जैसे देशों से उत्पादन में वृद्धि की संभावनाओं ने भारतीय जीरे की कीमतों पर दबाव डाला है। खरीदार कीमतों में उतार-चढ़ाव को लेकर सतर्क हैं और वे बड़े पैमाने पर खरीदारी से बच रहे हैं, जिससे कुल मांग में कमी आई है। सट्टेबाजी भी कम हो गई है और निवेशक भी सतर्क हो गए हैं, जिससे कीमतों के स्थिर होने की संभावना नहीं है। जबकि कुछ क्षेत्रों में फसल को नुकसान हुआ है, फिर भी समग्र रूप से अच्छी फसल की उम्मीदों और पिछले साल के उत्पादन का प्रभाव बाजार पर बना हुआ है। परिणामस्वरूप, जीरे की कीमतों में गिरावट जारी है, घरेलू और वैश्विक दोनों स्तरों पर, और निकट भविष्य में कीमतों में बड़ी तेजी की संभावना कम ही दिख रही है। इस सीजन में जीरे का उत्पादन पिछले साल की तुलना में दोगुना होने की उम्मीद है, जिसके कारण कीमतें अब भी कम बनी हुई हैं, और किसी भी तात्कालिक मूल्य वृद्धि की संभावना नहीं है। भारत के सबसे बड़े जीरे बाजार ऊंझा में इस मसाले की मांग में कमी आने से कीमतों पर और दबाव पड़ा है। फिलहाल, घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों ही स्तरों पर जीरे की मांग कमजोर है, जिससे व्यापारी चिंतित हैं। स्थानीय थोक बाजार में, स्टॉकिस्टों को मांग सुस्त रहने के कारण जीरे की कीमतें ₹21,800-22,000 प्रति क्विंटल (साधारण गुणवत्ता) और ₹23,500-24,500 प्रति क्विंटल (मशीन से साफ़ किए गए उच्च गुणवत्ता) पर पहुंच गई हैं। पिछले दिन इसमें ₹200 की गिरावट आई थी। घरेलू और निर्यात मांग में कमी और वैश्विक आपूर्ति में बढ़ोत्तरी के कारण जीरे की कीमतों में गिरावट जारी है।