कैसा रहेगा आगामी मसाला बाजार ? पढ़िए ये स्पेशल रिपोर्ट

जीरा की रिपोर्ट फ़िलहाल जीरा की आवक जिस तरह उंझा, राजकोट, गोंडल तथा जूनागढ़ व राजस्थान में जोधपुर-जयपुर में आ रही है, इसे देखते हुए 2021 में जीरा की फसल 80 से 85 लाख बोरी (55 किलो की बोरी) मानी जा सकती है। जीरे में घरेलु मांग के साथ - साथ निर्यात मांग भी अभी कमजोर है। हाल ही में जीरा की कीमतों में हाजिर और वायदे में मामूली हलचल हुयी है, हालांकि उत्पादक मंडियों में पर्याप्त स्टॉक होने के कारण धारणा लम्बी तेजी की नहीं है ! गुजरात की ऊंझा मंडी में जीरा के भाव 200/300 रु प्रति क्विंटल तेजी के साथ बोले गए हैं वायदा बाजार में भी भाव मजबूती के साथ बोले गए। कारन पिछले दिनों जीरे के भावों में आई मंदी के बाद किसानों की बेचवाली घटकर 6 से 7 हजार बोरी दैनिक रह गई है। जीरे में घरेलू मांग सामान्य से कम है। कंटेनरों की शार्टेज से भाड़े बढ़ जाने से निर्यात मांग पर इसका असर पड़ रहा है। जीरे में बड़ी तेजी की उम्मीद कम है, और अब लम्बी मंदी भी नहीं है। बारिश शुरू होने के साथ साथ भाव अधिक घट जाने के बाद किसानी माल की आवक और कमजोर पड़ सकती है ! अनुमान है की उंझा में जल्दी ही जीरा की आवक घटकर 5 हजार बोरी रह जाएगी और इतनी आवक दिवाली तक होती रहेगी ! घरेलु और निर्यात मांग का सपोर्ट मिला तो जीरा थोड़ा बढ़ भी सकता है ! धनिया की रिपोर्ट उत्पादक केन्द्रों पर धनिया की दैनिक आवक घटने लगी है ! आवक घटने के साथ दक्षिण भारत में ओणम त्यौहार और जन्माष्टमी में भी धनिया की मांग रहती है ! आगे धनिया के भावों में मजबूती बनी रहेगी।

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