दाल की कीमतों आएगी गिरावट! सरकार ने स्टॉक लिमिट में किया बदलाव, जानें किसानों को क्या होगा फायदा

सरकार ने दलहन के आयातकों को स्टॉक (भंडारण) की सीमा से छूट देने की घोषणा की है. साथ ही मिलों तथा थोक कारोबारियों के लिए भी नियमों को उदार किया गया है. हालांकि, इन इकाइयों को उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल पर अपने स्टॉक की सूचना देना जारी रखना होगा. इस बारे में एक संशोधित आदेश अधिसूचित किया गया है. केंद्र ने यह कदम देश में प्रमुख दलहनों की कीमतों में कमी आने के बाद उठाया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब स्टॉक की सीमा 31 अक्टूबर तक सिर्फ तुअर, उड़द, चना और मसूर दाल पर लागू होगी. अलग से जारी बयान में मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने मिलों तथा थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा में ढील दी तथा आयातकों को इससे छूट दी है. यह कदम दलहन कीमतों में नरमी तथा राज्यों और अंशधारकों से मिली राय के बाद उठाया गया है. कितनी तय की गई लिमिट दलहन के आयातकों को स्टॉक की सीमा से छूट देने का फैसला किया गया है. हालांकि, उन्हें अपने स्टॉक की घोषणा उपभोक्ता मामलों के विभाग के पोर्टल पर करनी होगी. थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा 500 टन की होगी. किसी एक दाल की किस्म के लिए स्टॉक की सीमा 200 टन से अधिक नहीं होगी. वहीं, मिलों के लिए स्टॉक की सीमा छह माह का उत्पादन या 50 प्रतिशत की स्थापित क्षमता, जो भी अधिक है, रहेगी. वहीं खुदरा व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा पांच टन की रहेगी. स्टॉक से अधिक होने पर करना होगा यह काम आयातकों, मिलों, खुदरा तथा थोक व्यापारियों को स्टॉक की घोषणा पोर्टल पर करना जारी रखना होगा. यदि उनके पास तय सीमा से अधिक स्टॉक है, तो उन्हें 19 जुलाई को जारी अधिसूचना के 30 दिन के अंदर इसे तय सीमा में लाना होगा. पहले इतनी थी स्टॉक लिमिट सरकार ने दो जून को थोक और खुदरा व्यापारियों, आयातकों तथा मिलों के लिए अक्टूबर तक मूंग को छोड़कर सभी दलहनों के लिए स्टॉक की सीमा की घोषणा की थी. आयातकों तथा थोक व्यापारियों के लिए स्टॉक की सीमा 200 टन तथा खुदरा व्यापारियों के लिए पांच टन तय की गई थी. वहीं मिलों के मामले में स्टॉक की सीमा पिछले तीन माह के उत्पादन या वार्षिक उत्पादन क्षमता के 25 प्रतिशत के बराबर में जो भी अधिक हो, उसके बराबर तय की गई थी. स्थिर होंगी कीमतें भारतीय दलहन एवं अनाज संघ (आईपीजीए) के वाइस चेयरमैन विमल कोठारी ने एसोसिएशन द्वारा इस बारे में किए गए प्रयास सफल रहे हैं. हमें विश्वास है कि इससे आगामी महीनों में दलहनों की आपूर्ति सुगम होगी तथा कीमतों में स्थिरता आएगी. बयान में कहा गया है कि मिलों के लिए स्टॉक सीमा में छूट से किसानों को तुअर और उड़द की खरीफ बुवाई के लिए समय में आश्वस्त करने में मदद मिलेगी. सरकार फिलहाल दाल का आयात कर रही है. ऐसे में डर था कि अगर दाल जमा होती रही तो जब किसानों की दलहन की फसल बाजार में आएंगी तो पहले मौजूद स्टॉक की वजह से दाल के भाव गिर न जाएं. ऐसे में किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा.

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