सरकार की इथेनॉल पॉलिसी से सुधरेगी चीनी मिलों की स्थिति, गन्ना किसानों को भी होगा फायदा!

चीनी मिलों की डिस्टिलरी क्षमता और साथ ही भंडारण स्थिति में सुधार के चलते इथेनॉल की आपूर्ति बढ़ने से एकीकृत चीनी मिलों की साख स्थिति में वर्ष 2022-23 तक सुधार आने की संभावना है. इन्वेस्टमेंट इंफॉर्मेशन एंड क्रेडिट रेटिंग एजेंसी (ICRA) की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. बता दें कि कई राज्‍यों में चीनी मिलों की स्थिति ठीक नहीं है. बिहार में तो चीनी मिलें बंद हो गई हैं. सरकार की इथेनॉल पॉलिसी से इन मिलों के अच्‍छे दिन आने की उम्‍मीद बढ़ी है. जाहिर है कि चीनी मिलों की स्थिति सुधरेगी तो इसका लाभ सीधे तौर पर गन्ना किसानों को भी मिलेगा. उन्हें गन्ने की फसल के लिए अच्छी कीमत मिलेगी. बिहार समेत कई राज्यों ने इथेनॉल पॉलिसी को स्वीकार लिया है. ऐसे में गन्ना उत्पादन करने वाले किसानों के लिए आमदनी का एक और रास्ता खुलने की उम्मीद जताई जा रही है. इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और समूह प्रमुख सब्यसाची मजुमदार ने कहा कि इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल-ईबीपी 20 की दिशा में कदम बढ़ने के साथ-साथ इथेनॉल का लाभकारी मूल्य निर्धारण, अंतरराज्यीय आवाजाही को सुगम बनाने के लिए नियमों को आसान बनाने और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) द्वारा अपेक्षाकृत आसान खरीद प्रक्रियाओं जैसी अनुकूल नीतियों से बड़ी चीनी मिलें अपनी डिस्टिलरी क्षमता बढ़ाने को उत्साहित हुई हैं. खपत से 49 लाख टन अधिक होगा उत्‍पादन मजुमदार ने कहा, इथेनॉल आपूर्ति बढ़ना चीनी मिलों की साख स्थिति में सुधार के लिए बेहतर होगा. इससे मिलों में स्टॉक मात्रा में कमी आने की उम्मीद है और मिलों के कर्ज और ब्याज लागत में कमी आएगी. इससे वित्त वर्ष 2022-23 से चीनी मिलों की साख स्थिति में अर्थपरक सुधार आने की संभावना है. इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी वर्ष 2021 में घरेलू चीनी उत्पादन 12.7 प्रतिशत बढ़कर 3.09 करोड़ टन होने की उम्मीद है जो कि खपत से लगभग 49 लाख टन अधिक होगा. इसमें कहा गया है कि प्रोत्साहन और अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में वृद्धि के चलते चीनी का निर्यात लगभग 70 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है. चीनी का शेष स्‍टॉक भी भविष्‍य में सु‍धरेगा इक्रा के मुताबिक इस लिहाज से 30 सितंबर, 2021 को चालू चीनी वर्ष की समाप्ति पर चीनी का बचा स्टॉक लगभग 86 लाख टन रहने का अनुमान है. जो कि एक साल पहले 30 सितंबर, 2020 के स्तर से 21 लाख टन कम होगा. यह स्तर भी 60-65 लाख टन के मानक चीनी स्टॉक के मुकाबले अधिक होगा. इसमें कहा गया है कि इथेनॉल के लिए अधिक डायवर्जन पहले से ही पिछले तीन वर्षों से उद्योग के लिए आय और परिचालन लाभ वृद्धि में सकारात्मक रूप से दिखना शुरू हो गया है, इसका प्रभाव वित्तवर्ष 2023 से बढ़ सकता है क्योंकि बढ़ी हुई डिस्टिलरी क्षमता परिणाम देना शुरू कर देंगी. 2022-23 से दिखने लगेगा सुधार रिपोर्ट में कहा गया है कि चालू वित्तवर्ष में, चीनी कंपनियों का राजस्व और परिचालन लाभ वित्तवर्ष 2021 के समान स्तर पर रहने की संभावना है. बहरहाल, एथनाल का उत्पादन बढ़ने का असर पिछले तीन साल के दौरान चीनी मिलों के राजस्व और परिचालन मुनाफे में दिखना शुरू हो गया है और वित्त वर्ष 2022- 23 से इसमें और सुधार आयेगा. तब डिस्टलरी की बढ़ी क्षमता का परिणाम स्पष्ट तौर पर दिखने लगेगा. इक्रा के उपाध्यक्ष और सेक्टर प्रमुख अनुपमा अरोड़ा ने कहा कि अनुकूल नीतिगत माहौल से इथेनॉल की आपूर्ति में तेजी आई है. हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ मुद्दों को अभी भी देखा जाना बाकी है इनमें विपणन बुनियादी ढांचे में सुधार, देश के सभी हिस्सों में इथेनॉल की उपलब्धता जैसे मुद्दे शामिल हैं.

Insert title here