दलहन बाजार पर विशेष रिपोर्ट

तुवर: लेमन क्वालिटी कमजोर स्तर में 6000 रूपए प्रति क्विंटल बिकने के बाद 6350 रूपए में पुरानी बिक गयी है। उस हिसाब से दली हुई दाल की बिक्री अनुकूल नही है तथा कारोबारियों को भी यह डर है कि यदि तेजी आने पर कही सरकार दोबारा से एक्शन ना ले ले ऐसी स्थिति में 300 रूपए की तेजी को छोड़ना नही चाहिए। तुवर में आपूर्ति एवं स्टार्ट दोनों ही खपत के अनुरूप नही है, जिससे आगे तेजी रहेगी, लेकिन सरकार के रूख को देखते हुए भी थोड़ा-थोड़ा मुनाफा लेते रहना चाहिए। अब यहां से बाजार टेपरेरी थोड़ा सुस्त लग रहा है। चना: राजस्थान के बीकानेर लाईन में कीमतें ऊँची चल रही है, क्योकि वहां के आसपास की मंडियों का माल कट गया है जानकारों के अनुसार, इंदौर व ग्वालियर लाईन में भी दिल्ली के पड़ते से देशी चने की कीमतें ऊंची बिक रही है। इन सबके बावजूद एक साथ आई 450 रूपए प्रति क्विंटल की 4 दिनों में तेजी के बाद आज 50/75 का एक बार करैक्शन दर्ज किया गया है, उसके बाद क़ीमतें और बढ़ने की पूरी उम्मीद है, क्योकि उत्पादक मंडियों में आवक अनुकूल नही है जबकि छोटे एवं मझोले टाईप के कारोबारी अपना माल बीते 20 दिनों में काफी काट चुके है। काबुली: चने में भी स्टॉक सीमा पूरी तरह हटा दी गई है, उसका उत्पादन बहुत कम होता है तथा इसका आयात और निर्यात दोनों होता है। इंदौर भोपाल लाइन से निर्यात कर रहे हैं। दूसरी ओर आयात के भी किसी देशों से ज्यादा पड़ता अभी तक नहीं लग रहा है। घरेलू उत्पादन भी संतोषजनक इस बार नहीं रहा है। गत वर्ष 20 लाख मैट्रिक टन काबुली चने का उत्पादन हुआ था, जो इस पर 15 लाख मैट्रिक टन रह गया था। विदेशी माल कोई आया नहीं है, इन परिस्थितियों को देखते हुए काबुली चने का व्यापार अभी लाभदायक रहेगा। मसूर: का आयात पड़ता महंगा होने से मुंदड़ा बंदरगाह पर पहले के पड़े स्टॉक आयातक घटाकर बिकवाल नही आ रहे है। दूसरी ओर, मुंगावली, गंजबासौदा, सागर, भोपाल एवं बीनागंज मंडी में देशी माल की उलब्धि नही है। इन सबके बावजूद एक साथ ही 400 रूपए प्रति क्विंटल की तेजी के बाद मुनाफावसूली बिकवाली शुरू हो गयी है, जिसके चलते जो 6850 रूपए मसूर मोटी बिल्टी में बिक गयी थी, उसकी कीमतें 6775 रूपए रह गयी है। थोड़ा ठहरकर फिर बाजार बढ़ जायेंगे। मोठ: माल कमज़ोर रहने के बावजूद मुनाफाबसूली बेहतर बिकल्प मोठ का स्टॉक राजस्थान के नोहर, भादरा, दौसा, डीडवाना, बीकानेर, बालोतरा व मेड़ता सिटी आज सभी मंडियों में काफी कम बचा है। इन सबके बावजूद रूपए की तंगी को देखते हुए एक बार माल बेचकर निकलना लाभदायक रहेगा। नयी मोठ आने में अभी 2 माह का समय लग सकता है तथा आगे खेतों में खड़ी फसल मौसम के ऊपर निर्भर करेगी, जिससे आगे के स्टॉक का आकलन लगाना मुश्किल है। उड़द :उड़द में कमजोर कीमतों से 425 रूपए प्रति क्विंटल बढ़कर नये माल का व्यापार 7525 रूपए एसक्यू क्वालिटी का हो गया है, जबकि नीचे वाले छोटे रंगूनी माल भी 6625 रूपए प्रति क्विंटल के आसपास बोलने लगे है जानकारों के अनुसार, उड़द का स्टॉक ज्यादा नही है, लेकिन दाल की बिक्री भी ज्यादा अनुकूल नही है। वही बढ़ी हुई कीमतों में प्रॉफिट देकर आगे लगे है। इसे देखते हुए यहां से आगे बाजार थोड़ा नरम लग रहा है, वर्तमान कीमतों में माल बेचना चाहिए। मूंग: गौरतलब रहे कि पहले ही सरकार द्वारा मूंग को स्टॉक सीमा से बाहर रखा गया था, लेकिन मंडियों में 5000/5200 रूपए प्रति क्विंटल की कीमतों में मूंग की लोडिंग एवं बिकवाल लगातार बने हुए है। इन परिस्थितियों में ज्यादा तेजी का व्यापार नही करना चाहिए। मिलर्स को मीडियम माल 5500/5600 रूपए में पड़ते में मिल रहे है, जिससे दाल मिलों की मांग ठंड़ी पड़ने से आज 100 रूपए की खामोशी रही। इन सभी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान कीमतों पर बिकवाली लाभदायक रहेगी।

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