कैसा रहेगा आने वाले दिनों में बाजार भाव - पढ़ें गेहूं, चावल, बाजरा और मक्के की पूरी रिपोर्ट

गेहूं: बढ़े भाव में एक बार माल बेचिए अंतरराष्ट्रीय बाजा में पिछले दिनों के अंतराल तेजी आ जाने से निर्यातका को गेहूं में पड़ते और लगने लगे हैं। यही कारण है कि यूपी, एमपी, बिहार की मंडियों में सस्ते गेहं मिलने से रेव तथा ट्रकों से लोडिंग लगातार शुरू हो गई है तथा अभी मांग को देखते हुए बाजारों में तेजी की संभावन दिखाई दे रहे रही है। इन सब के बावजूद एक बा 1900/1910 रुपए प्रति किंटल के भाव में माल बेचक मुनाफा कमा लेना चाहिए। बारीक चावल: मोटे माल में अभी तेजी नहीं हम मानते हैं कि नए-पुराने धान की आवक मंडियों में ज्यादा नहीं लेकिन घरेलू मांग पीएमजीकेएवाई योजना ने समाप्त क दिया है। दूसरी और जो चावल निर्यात में जाता था, वा भी इस बार कम जा रहा है, इन परिस्थितियों में चावल का व्यापार नहीं चल रहा है। उधर बारीक चावल की स्थिति यह है कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में नीचे भाव होन से निर्यात सौदे कम हो रहेहैं। वहीं घरेलू मंडियों में शादिया समाप्त हो जाने के बाद खपत घट गई है. इन परिस्थितिय में अभी बड़ी घट-बढ़ पर नहीं है। मक्की: यूपी एमपी में बिजाई घर्टी यूपी, एमपी में मक्की की बिजाई इस बार कम हुई है, क्योंकि तिलहनों के ऊंचे भाव होने से अधिकतर उत्पादक क्षेत्र में सोयाबीन का रकबा बढ़ गया है। दूसरी और सब्जियों एवं दालों के भाव किसानों को ठीक-ठाक मिले हैं। इस वजह से मर्क की बिजाई रकवा चौतरफा घटा है। हम मानते हैं कि मकी के भी भाव ऊंचे रहे हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में पहल ही ज्यादा बरसात हो जाने से बिजाई प्रभावित हुई है क्योंकि मक्की की फसल को बरसात कम चाहिए। बाजरा; निर्यात मांग बढ़ी बाजरे में घरेल मांग के साथ-साथ निर्यातकों की भी पूछ परख आलगी है। व्यापारियों का कहना है कि जो माल राजस्थान से 1475/1480 रुपए में उठ रहे थे, अब उसके भाव 1500 रुपए बोलने लगे हैं। कुछ माल 1525 रुपए भी बिकने की खबर मिल रही है इन परिस्थितियों में मौली बरवाला पहुंच में भी 1575 रुपए का व्यापार हो गया कच्ची मंडियों में बाजरे की आवक साठी माल की घट गई है। नई फसल अक्टूबर में आएगी, इसे देखते हुएट बां से बाजार फिर तेज लगने लगा है.

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