उत्पादन बढ़ने से गुड़ तथा चीनी में मंदा जारी

गत सप्ताह यूपी-महाराष्ट्र सहित सभी उत्पादक राज्यों के क्रेशरों पर गन्ने की आवक बढ़ जाने से गुड़ का उत्पादन और बढ़ गया है, जिसमें 100/200 रुपए प्रति क्विंटल की और गिरावट आ गई थी। दूसरी ओर लोकल एवं चालानी मांग कमजोर होने से स्टाकिस्ट लगातार घटाकर बिकवाल आ गये। चीनी में भी पुराने मालों की अधिकतर मिलों ने घटाकर बिकवाली की, जिससे नई में भी खामोशी रही। गत सप्ताह मुजफ्फरनगर मंडी में गुड़ की आवक 8-9 हजार कट्टे दैनिक हो गई। इसके अलावा बागपत, बड़ौत, मुरादनगर, सरसावा, सहारनपुर, मेरठ, शामली आदि गुड़ की प्रमुख मंडियों में लगातार नये गुड़ की आवक अच्छी रही। उधर यूपी, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक में भी गुड़ की आवक जोरों पर रही, जिसके चलते चौतरफा इसके भाव गिरावट लिए बंद हुए थे। गौरतलब है कि गुड़ निर्माताओं में उत्पादन बढ़ाकर प्रतिस्पर्धात्मक बिकवाली का रुझान बना हुआ है, जिससे एक साथ एक-डेढ़ माह में 900/1000 रुपए का मंदा आ गया है। जबकि रिटेलरों में इसका उतना प्रभाव नहीं है। दूसरी ओर चीनी का उत्पादन भी महाराष्ट्र, यूपी, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक आदि सभी राज्यों की चीनी मिलों में तेजी से बढ़ने लगा है। गत 15 नवंबर तक चीनी का उत्पादन देश में 199 लाख मैट्रिक टन हो चुका है। हम मानते हैं कि शादियों की खपत के लिए चौतरफा मांग चल रही है, लेकिन चीनी के ऊंचे भाव होने से मिलें पुरानी चीनी में घटाकर डीओ का व्यापार कर रही हैं। गन्ने की कटाई व पिराई की रफ्तार को देखते हुए चालू सीजन में चीनी का उत्पादन अधिक रहने वाला है। एथेनॉल में चीनी की खपत बढ़ने के बावजूद निर्यात कोटे में कटौती किए जाने से चीनी की उपलब्धि पर्याप्त रहेगी है, जिससे दूरगामी परिणाम ज्यादा तेजी का नहीं लग रहा है।

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