दलहन रिपोर्ट

तुवर तुवर और तुवर दाल मे सिमित मांग बनी रहने से तुवर भाव स्थिरता दर्ज हुआ, चेन्नई में बर्मा लेमन तुवर के दाम में 100 रुपये और डॉलर में $35 का उछाल रहा। तुवर दाल में उठाव औसत है। और अभी कुछ समय उठाव धीमा रहेगा तुवर की आवक आगे अब काफी धीमी पड़ेगी जिससे तुवर मिलने में दिक्कत आएगी। अब चूँकि अफ्रीका और बर्मा तुवर बढ़ेगी तो देशी तुवर कहाँ पीछे रहने वाली। और अब जल्द ही 9000 की तरफ। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार एल नीनो की वजह से बारिश कमजोर रह सकता है। और ऐसा होता है तो आगे तुवर को रोकना मुश्किल होगा। चना बीते सप्ताह के दौरान उतार-चढ़ाव के बीच चना दाल बेसन में मांग सिमित रहने से भाव -25 रूपये कुन्टल की गिरावट दर्ज हुआ,दरअसल उत्तर भारत में चना की सप्लाई कमजोर रहने से मजबूती फिलहाल चना की आवक महाराष्ट्र में अच्छी है। मार्च अंत तक मध्य प्रदेश में आवक बढ़ेगी। राजस्थान में मार्च अंत अप्रैल में चना की आवक बढ़ने की उम्मीद। गुजरात में कमजोर बूआई के कारण आवक सामान्य है। नाफेड दवारा चना की बिक्री अब सिर्फ मध्य प्रदेश में हो रही है। अन्य राज्यों में नाफेड द्वारा चना बिक्री बंद है। नाफेड द्वारा कर्नाटक में चना खरीदी शुरू है। महाराष्ट्र में 14-15 मार्च से खरीदी शुरू हो सकती है। नाफेड को कितना चना मिलता है। यह तय करेगा चना भविष्य नाफेड के पास 13-14 लाख टन चना स्टॉक मौजूद है। आने वाले समय में चना की। आवक एक बार बढ़ेगी खासकर। महाराष्ट्र में यदि नाफेड को इस सीजन 5 लाख टन से कम चना मिला तो ही अच्छी तेजी की उम्मीद कर सकते हैं। यदि नाफेड को 10 लाख टन से अधिक चना मिला तो दिल्ली चना ऊपर में 5500-5600 का रेंज। वर्तमान भाव में चना खरीदी में जोखिम नहीं इसलिए चना में निवेश किया जा सकता है। उड़द उड़द में तेजी का प्रमुख कारण बर्मा से धीमा आयात जिसके कारण सेंटीमेंट मजबूती। उड़द में प्रमुख डिमांड ट्रेडर्स की है। क्योंकि बर्मा से आयात कमजोर और भाव ऊँचे हैं व्यापारियों के अनुसार दालों में उठाव कम है। उड़द और उड़द दाल में डिमांड सामान्य है। और अगले 1-2 माह सामान्य मांग बना रहेगा। बर्मा से फरवरी में 35,000 टन उड़द आयात हुआ। और मार्च में 28,000-30,000 टन आयात संभावित है। हमारा मानना है की 8000 लगभग अप्रैल से उड़द आयात बढ़ने की संभावना। लेकिन मार्च में डिलीवरी की दिक्कत रहेगी। 8200 की रेंज में मुनाफावसूली करना बेहतर। उड़द में गिरावट पर खरीदी की जा सकती है। मटर मटर में तेजी आने में थोड़ा समय है नई मटर की आवक ललितपुर, झांसी, हमीरपुर, बांदा लाइन में होने लगी है। वास्तविकता यह है कि गत वर्ष के स्टॉक वाले माल अभी कच्ची मंडियों में पड़े हुए हैं तथा वितरक मंडियों में भी मटर स्टॉक में है, जिससे स्टॉकिस्टों की लिवाली नहीं है। अगले कुछ दिनों में आवक का दबाव बढ़ने पर बाजार मटर सफेद एवं हरी का घटेगा, लेकिन बहुत ज्यादा मंदे का व्यापार नहीं करना चाहिए। इस बार नीचे वाले भाव में मटर का व्यापार बढ़िया रहेगा।

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