कैसा रहेगा लाल मिर्च, हल्दी, धनिया तथा अन्य मसालों का बाजार

लालमिर्च : बाजार तेज ही रहेगा गुंटूर लाइन में लाल मिर्च की आवक घट जाने तथा चालानी मांग चौतरफा निकालने से 1000 रुपए प्रति क्विंटल की वहां तेजी आ गई, इसके प्रभाव से तेजा माल 25500 रुपए प्रति कुंतल हो गया । वारंगल, दुग्गीराला सहित अन्य मंडियों में भी आपूर्ति घट जाने तथा स्टॉकिस्टों की लिवाली से तेजी लिए बाजार बंद हुए। उत्पादन में कमी को देखकर लाल मिर्च में और तेजी के आसार बन गए हैं हल्दी: व्यापार में रिस्क नहीं हल्दी का उत्पादन कम होने के बावजूद पुराना स्टॉक अधिक होने तथा हल्दी के कारोबारियों को भारी नुकसान लगने से बिकवाली का प्रेशर पूरे सप्ताह बना रहा है। यही कारण है कि ईरोड एजइटीज, कोल्ड स्टोर से 68/70 रुपए प्रति किलो नीचे में बिक गयी थी, लेकिन 3 दिनों से मौसम खराब होने तथा उत्पादक मंडियों से माल कम आने से 100 रुपए बढ़कर यहां 7100 रुपए का व्यापार हो गया तथा बाजार में 7200 रुपए तक वर्ष 2023 का ग बोला गया। वर्तमान भाव में रिस्क नहीं लग रहा है। धनिया और बढ़े भाव में माल बेचिए मौसम खराब होने तथा नीचे वाले भाव में स्टाकिस्टों की चौतरफा लिवाली चलने से धनिया के भाव 600 रुपए बढ़कर बदामी माल के 7800/7900 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। एग्री इंडिया हम मानते हैं कि अभी स्टॉकिस्ट लिवाल हैं, जिससे बाजार 300/400 रुऊ और बढ़ जाएगा, लेकिन बढ़े हुए भाव में माल बेचते रहना चाहिए, क्योंकि उत्पादन इस बार बंपर है तथा प्रति हेक्टेयर उत्पादकता भी अधिक हुई है। काली मिर्च : और घटने की गुंजाइश नहीं हालांकि हेराफेरी की कालीमिर्च लगातार उतर रही है इससे बाजार 520/525 रूपये प्रति किलो पर नीचे वाले माल पर टिके हुए हैं। मीडियम माल कोचीन का 540 रूपये बिक रहा है। सीमावर्ती मंडियों में सख्ती होते हुए बाजार यहां से उछल जाएगा। क्योंकि वियतनाम में भी भाव ऊंचे हो गए हैं। दूसरी ओर असम लाइन से भी अब पड़ते ऊंचे बोलने लगे हैं जिससे यहां से व्यापार लाभदायक लग रहा है। जीरा : अभी और बढ़त संभव जीरे में नीचे वाले भाव पर स्टॉकिस्टों की लिवाली पिछले एक सप्ताह से चल रही है, वहीं मौसम खराब होने से जीरे की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में कमी आने की खबर कच्छ एवं बनासकांठा लाइन से आने लगी है। हम मानते हैं कि जीरे का बंपर उत्पादन हुआ है, लेकिन अभी जो फसलें खेतों में खड़ी है, उसमें 20 से 30 रुपए तक यील्ड में कमी का अनुमान आने लगा है। दूसरी ओर स्टॉकिस्ट चौतरफा लिवाली में आ गए हैं, यही कारण है कि उत्पादक मंडियों में 8 से 10 रुपए प्रति किलो की तेजी आ गई है। यहां भी उड़द के अंतराल 1200 /- 1300 रुपए बढ़कर 32000/33000 रुपए प्रति क्विंटल भाव हो गए हैं। तथा अभी 1000 रुपए की और तेजी लग रही है। बड़ी इलायची अभी बाजार तेज रहेगा बड़ी इलायची में नीचे वाले भाव पर पूछ परख आने लगी है, जिससे बाजार 10 रुपए शाम को बढ़कर 650 रुपए प्रति किलो हो गए। गौरतलब है कि नई फसल आने में अभी पूरा साल बाकी है। दूसरी ओर नेपाल में इस बार उत्पादन कम है। उधर भूटान से जो सस्ती बड़ी इलायची आती थी, वह भी इस बार कम आ रही है, इन परिस्थितियों में आगे चलकर अभी बाजार और बढ़ जाएगा।

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