बाजरा में अच्छी तेजी की संभावना

बाजरे में पिछले 15 दिनों के अंतराल 100 रुपए प्रति क्विटल की तेजी आ गई है। अब नीचे वाले भाव पर उत्पादक मंडियों से पड़ते ऊंचे लगने लगे हैं तथा डिस्टलरी प्लांटों की पूछ परख आने लगी हैं, इसे देखते हुए बाजरा यहां से 100 रुपए और तेज लगने लगा है। बाजरे की नई फसल निकट में कोई आने वाली नहीं है। दूसरी ओर खरीफ सीजन वाला बाजरा आए लगभग 5 महीने बीत चुके हैं। बाजरे के भाव राजस्थान से पड़ते महंगे हो गए हैं, क्योंकि बीकानेर, रींगस, शेखावटी, नागौर, दौसा, डीडवाना, खाटू लाइन में बाजरा ऊंचा हो गया है। वहां घरेलू खपत बढ़ गई है। दूसरी ओर यूपी के एटा, मैनपुरी, जलेसर रोड, हाथरस, कासगंज, छर्रा, राठ, उरई मंडी में नीचे वाले भाव पर बाजरा में लिवाली आने लगी है। यही कारण है कि जो मौली बरवाला पहुंच में बाजरा 2150 रुपए नीचे में देख आया है, आज 2200/2210 रुपए प्रति क्विंटल भाव बोलने लगे हैं। इधर भरतपुर लाइन का बाजरा भी यूपी वाले खरीदने लगे हैं। व्यापारियों का मानना है कि पिछले दिनों बाजरे की खपत खाद्यान्न में भी 20 से 22 प्रतिशत बढ़ गई, जिसके चलते काफी बाजरा खप चुका है। हम मानते हैं कि बाजरे की फसल गत वर्ष की अपेक्षा अधिक आई थी, लेकिन फसल में पोल आने से बाजरे के भाव सीजन में ही काफी बढ़ते चले गए। फिलहाल बाजरे का उत्पादन अनुमान 125 लाख मैट्रिक टन का लगाया गया था, लेकिन जो बाजरा 20 लाख मेट्रिक टन बचता था, वह इस बार बिल्कुल नहीं था। यही कारण है कि सीजन में ही तेजी बढ़ गई। इसके अलावा गेहूं में भी आई बेहिसाब तेजी के चलते भी बाजरे की खपत बढ़ने से शॉर्टेज में बन गई। बाजरे की नई फसल आने में अभी लम्बा समय बाकी है। दूसरी ओर गर्मी वाला साठी बाजरा आता है, लेकिन उसकी बिजाई अभी नहीं हुई है। गुजरात में भी बिजाई कम हुई है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए वर्तमान भाव के बाजरे में भरपूर लाभ की संभावना दिखाई दे रही है तथा यहां से व्यापार लाभदायक लग रहा है।

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