हल्दी - फिर खरीद लाभदायक
हल्दी के भाव पिछले एक महीने के अंतराल 25/26 रुपए प्रति किलो गिरकर दिल्ली मंडी में ईरोड ऐज ईटीज 137/138 रुपए प्रति किलो रह गया है, वायदा बाजार टूटने से निचले स्तर पर भाव आ चुके हैं, जिस तरह पिसाई वालों की घटे भाव में देर शाम मांग निकलने लगी है, इसे देखते हुए बाजार सुधर कर 145/146 रुपए प्रति किलो जल्दी हो सकते हैं। वास्तविकता यह है कि हल्दी की आवक उत्पादक मंडियों में पूरी तरह टूट गई है तथा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में ऊंचे भाव होने से अक्टूबर एवं नवंबर में हल्दी निर्यात में प्रचूर मात्रा में जानी बाकी है। फिलहाल बाजारों में रुपए की तंगी चल रही है। उधर वायदा बाजार में अधिकृत एवं अनाधिकृत सितंबर की हल्दी काफी ऊंची बिकी हुई है, जिसके चलते बड़े स्टोरिए इसको डिलीवरी देने के लिए बाजार को लगातार तोड़ने में लगे थे तथा पिछले 25-30 दिनों में 25/26 रुपए तोड़कर माल की डिलीवरी देने लगे हैं। सितम्बर की बिकी हुई हल्दी के सौदे अब निबटने वाले हैं। सितंबर वायदा में 174 रुपए तक व्यापार हुआ है, उसके भाव 135 / 136 रुपए प्रति किलो पर आ गए हैं। हल्दी का डिलीवरी में उतना अधिक माल नहीं है, सट्टेबाज 2023 का व्यापार करके 2017 से 2021 के बीच हल्दी भुगताने में लगे हुए हैं, जिससे हाजिर का बाजार भी टूटने के बाद देर सबेर बढ़ने की संभावन दिखाई दे रही है। उत्पादक मंडियों में हल्दी का कोई प्रेशर नहीं है तथा गत वर्ष की अपेक्षा उत्पादन कम है। अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी ऊंचे भाव चल रहे हैं, इन सारी परिस्थितियों से बाजार में हल्दी की उपलब्धि ज्यादा नहीं है। अत: फिर से एक बार तेज होने की संभावना दिखाई दे रही है। हल्दी का उत्पादन मुश्किल से 55-56 लाख बोरी के करीब हुआ है, जबकि हमारी घरेलू एवं निर्यात खपत 150 करोड़ बोरी के करीब है, इन परिस्थितियों में वर्तमान भाव की हल्दी कुछ दिन सुस्ती के बाद फिर लाभ दे जाएगी।