तुवर रिपोर्ट: बाजार की दिशा बारिश पर निर्भर

बीते सप्ताह के दौरान अकोला तुवर दाल मे मांग न रहने से 150 रूपए प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज हुआ, देशी और बर्मा लेमन तुवर में कमजोरी के बावजूद अफ्रीका तुवर सप्ताह के दौरान मजबूती दर्ज की गई देशी और बर्मा लेमन तुवर में मिलर्स को पड़ता नहीं होने से सस्ती अफ्रीका तुवर की मांग बढ़ रही है। अफ्रीका तुवर में मांग के मुकाबले धीमी आयात के कारण सप्लाई टाइट होने से भाव में मजबूती का रुख देशी तुवर दाल 16500-17200 (क्वालिटी ब्रांड अनुसार) ऊपर भाव में बेचने में मेहनत करनी पड़ रही जबकि अफ्रीका तुवर दाल (क्वालिटी-ब्रांड अनुसार) 13000-14000 की रेंज में अच्छी मांग है। सोलापुर में तुवर की हालत सबसे अधिक ख़राब पानी की किल्लत। बीजापुर में बोआई कमजोर; कम बारिश से फसल को नुकसान। गुलबर्गा के सेडम/चितापुर में फसल ठीक; लेकिन बारिश की जरुरत। यादगीर-रायचूर में कॉटन और धान का क्षेत्रफल बढ़ा है और तुवर का कम। जहां पानी की सुविधा है तुवर की फसल अच्छी जो फसल बारिश पर निर्भर है . बारिश के देर आने से कर्नाटक में तुवर की बिजाई आगे-पीछे हुई है। इसलिए आवक का प्रेशर जनवरी दूसरे सप्ताह में ही बनने का अनुमान है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 7-10 नवंबर के बीच सोलापुर, गुलबर्गा, बीजापुर, आदि क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना। देशी और लेमन तुवर स्टॉक कम लेकिन लेवाल और बिकवाल भी सिमित है। अफ्रीका तुवर में मांग अच्छी है; लेकिन आयात की गति धीमी होने से पूर्ति नहीं हो पा रही। तुवर उत्पादन का सही आंकलन दिसंबर के प्रथम सप्ताह के आसपास ही लग सकेगा। शार्ट टर्म (15 दिन) तुवर मुनावसूली करना बेहतर दाल में सिमित खरीदी रखे। तुवर बाजार की दिशा अब बारिश पर निर्भर करेगा इसलिए हम सिमित कारोबार की सलाह दे रहे हैं। यदि सप्ताह में बारिश हो जाये तो सेंटीमेंट कुछ कमजोर हो सकता है; जबकि बारिश नहीं आई तो तुवर में मजबूती आ जाएगी ऐसा अनुमान।

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