चना : मंडियों में कारोबार धीमा

कमजोर मांग और मार्च क्लोजिंग के कारण मंडियों में कारोबार धीमा रहा। इसके बावजूद राजस्थान की मंडियों में आवक का दबाव बढ़ गया है. अच्छी आवक के दबाव के कारण कीमतों में नरमी जारी है। कोटा मंडी में रोजाना 30000-35000 बोरी की आवक होने से भाव में 300 रुपए की गिरावट आई है। 50~75/क्विंट से रु. 5200-5400/क्वि. रूस और कनाडा से पीली मटर के लगातार आयात के कारण भी चने की कीमतों पर दबाव है। सीमित मांग के कारण दिल्ली में चने की कीमत में मामूली सुधार हुआ। 25/क्विंट से रु. सप्ताहांत में 5800/क्यू. इन दिनों चने की दाल और बेसन की मांग बहुत कमजोर है। व्यापारियों के मुताबिक इस बार गुजरात में बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों ने बड़ी मात्रा में चने का स्टॉक किया है. 2 अप्रैल से सभी बाजार शुरू होने के बाद स्टॉकिस्टों की खरीदारी बढ़ सकती है व्यापारिक सूत्रों के मुताबिक अप्रैल के बाद गुजरात से आवक लगभग खत्म हो जाएगी। साथ ही जल्द ही शादी का सीजन भी शुरू हो जाएगा. जिसमें चना दाल और बेसन की खपत भी बढ़ेगी. जिससे चने की कीमत में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है मंडियां नियमित रूप से शुरू होने के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान से आवक का दबाव बढ़ेगा. जिसके चलते कीमतों में ज्यादा बढ़ोतरी की उम्मीद कम है.

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