मक्की - अभी ज्यादा तेजी नहीं

यूपी बिहार दोनों ही प्रमुख राज्यों में रबी सीजन की मक्की का उत्पादन अधिक हुआ है, इन सब के बावजूद भी एथेनॉल कंपनियों की 27-28 प्रतिशत अतिरिक्त खपत बढ़ जाने से मंडियों में शॉर्टेज की स्थिति बन गई है। वास्तविक यह है कि बिहार की मंडियों में जो मकई के स्टॉक के लिए गोदाम थे, वह इस बार 68 प्रतिशत ही भर पाए हैं तथा वहां सीजन समाप्ति की ओर है। दूसरी ओर यूपी में भी मक्की की प्रतिस्पर्धात्मक खरीद होने से इसके भाव गोदाम पहुंच में 2550/2560 रुपए हो गए हैं तथा हरियाणा पंजाब पहुंच में उक्त दोनों राज्यों की मक्की 2770/2800 रुपए पहुंच में बिक रही है तथा मांग के बाद आयात हुई मक्की आने वाले समय में प्रचुर मात्रा में लगने के अंदेशे से अब लंबी तेजी नहीं लग रही है।

Insert title here