गेहूं की कीमतें और बढ़ने की उम्मीद
सरकार द्वारा गेहूं का टेंडर एक अगस्त से किया जाना था, लेकिन आगे चलकर गेहूं की बिक्री निरस्त कर दी गई है। इस वजह से गत सप्ताह इसके भाव 45/50 रुपए बढ़कर 3070/3080 रुपए प्रति क्विंटल मिल क्वालिटी गेहूं हो गए हैं। उपभोक्ताओं को आटा मैदा सूजी महंगा मिलने लगा है, उधर रोलर फ्लोर मिलों को गेहूं सस्ता नहीं मिल रहा है, इन सारी परिस्थितियों को देखते हुए गेहूं की महंगाई टेंडर में सस्ते भाव पर पर्याप्त मात्रा में बिकने के बाद ही काबू में होगी। दिल्ली फ्लोर मिल्स एसोसिएशन के अधिकारियों का मानना है कि यदि बाजार में गेहूं की आवक नहीं बढ़ी, तो दीपावली तक गेहूं के दाम 3200/3250 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर सकते हैं। अब जबकि गेहूं की बोवनी जल्द ही शुरू होने वाली है, फसल आने में लगभग पांच से छह महीने का समय लगेगा। इस अवधि के दौरान, खासकर इस साल के अंत तक, गेहूं की कीमतों में तेजी बनी रहने की संभावना हो सकती है। हल्की क्वालिटी के गेहूं और मिल क्वालिटी के गेहूं की बाजार में कमी के चलते मंडियों में गेहूं के भाव में भारी तेजी देखी जा रही है। त्योहारों के चलते आटा निर्माताओं को इस महंगे भाव पर भी गेहूं की आपूर्ति नहीं मिल पा रही है। मंडियों में उच्च क्वालिटी का लोकवन गेहूं की नीलामी में गेहू 3400 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। वहीं, बीज के कारोबार की शुरुआत के साथ ही कई बड़े व्यापारी बीज के व्यापार में जुट गए हैं।