मक्की में तेजी की उम्मीद
▪️भारत में मक्का का उत्पादन कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर किया जाता है और इसे किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल माना जाता है। ▪️साल 2024 में, खरीफ सीजन में मक्का की बिजाई का क्षेत्र बढ़कर 88.6 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो कि पिछले साल के 84.65 लाख हेक्टेयर के मुकाबले लगभग 3. 41 लाख हेक्टेयर अधिक है। ▪️इस वृद्धि के कारण मक्का उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावनाएं बनी थीं, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ ने मक्का की फसल को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। ▪️इसके परिणामस्वरूप, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि मक्का के उत्पादन शायद पिछले साल की तरह ही रहेगा। ▪️मक्का के उपयोग में भी पिछले कुछ वर्षों में बदलाव आया है। पहले जहाँ मक्का का उपयोग मुख्य रूप से पोल्ट्री फीड, पशु आहार, और स्टार्च निर्माण उद्योग में होता था, अब एथेनॉल निर्माण उद्योग में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। इससे इसकी खपत में भी इजाफा होगा। ▪️इसके अलावा, भारत म्यांमार और यूक्रेन से मक्का का आयात भी कर सकता है क्योंकि वहाँ गैर-जीएम मक्का का उत्पादन होता है, जो भारत के एथेनॉल उद्योग के लिए फायदेमंद है। ▪️ऐसे में मक्का के दाम और खपत दोनों में वृद्धि होने के पूरी उम्मीद बनी हुई हैं, जो किसानों के लिए एक अच्छा संकेत है। ▪️इस क्षेत्र में वृद्धि का प्रमुख कारण मक्का की मांग में तेजी से बढ़ोतरी और सरकार की कृषि-समर्थन योजनाएं हैं, मक्का की बढ़ती मांगो मे मक्का की फसल को लाभदायक फसल बना दिया है, इसलिए अब किसान अधिक से अधिक मक्का को उगाने में रुचि रख रहे हैं। ▪️कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ के कारण पौधों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं, जिससे उनकी विकास क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में कुल उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है। ▪️इस साल अनुमान है कि मक्का का उत्पादन पिछले साल के आसपास ही रहेगा।