सरसों रिपोर्ट

सरसों में तेजी लाने वाले अन्य कारकों को देखें तो ज्यादा तापमान के चलते नई सरसों की फसल की बुआई अच्छी नहीं बतायी जा रही है। सरसों की बुवाई कम होने और उत्पादन घटने की संभावना अब जोर पकड़ने लगी है। विदेशी तेल बाजार में भी कोई गिरावट नहीं है। कनाडा ने भी अपने पाम तेल निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा मलेशिया एवं इंडोनेशिया में पाम तेल उत्पादन घटने की संभावना है, जिससे अन्य खाद्य तेलों में तेजी की स्थिति बनी हुई है। घरेलू और विदेशी बाजारों में आयी तेजी के बाद बाजारों का सेंटिमेंट बदल गया है। किसान साथियो और व्यापारी भाइयों घरेलू तिलहन के बाजार को अब विदेशी बाजारों में आयी तूफानी तेजी का सपोर्ट मिलना तय है। उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह सरसों तेल में 40 रुपए प्रति 10 किलो तक तेजी बनने की संभावना है। इसी तरह से पिछले भाव के मुकाबले सरसों के बाजार भाव 100 से 200 रुपए तक तेजी बन सकती है। जयपुर में सरसों भाव 6850 तक खुलकर 6950 तक जाने की उम्मीद की जा सकती है। इसी अनुपात में भरतपुर और अन्य मंडियों में अच्छा कारोबार देखने को मिल सकता है।

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