खरीफ फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान जारी
लम्बी प्रतीक्षा के बाद अंततः केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने 2024-25 के खरीफ सीजन में उत्पादित होने वाली फसलों का पहला अग्रिम अनुमान जारी कर दिया है। 2023-24 की तुलना में 2024-25 के खरीफ सीजन में कुछ फसलों की पैदावार घटने तथा अधिकांश फसलों का उत्पादन बढ़ने की संभावना व्यक्त की गई है। आगामी अनुमानों में आंकड़े घट-बढ़ सकते हैं कृषि मंत्रालय के अनुसार 2023-24 के मुकाबले 2024-25 के खरीफ सीजन में चावल का उत्पादन 1132.59 लाख टन से उछलकर 1199.34 लाख टन, मोटे अनाजों का 355.35 लाख टन से बढ़कर 378.18 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है। मगर दलहनों का उत्पादन 69.74 लाख टन से फिसलकर 69.54 लाख टन पर अटकने की संभावना है। इस तरह खाद्यान्न का कुल उत्पादन 1557.68 लाख टन से 89.37 लाख टन बढ़कर 1647.05 लाख टन पर पहुंच जाने के आसार हैं। खरीफ कालीन तिलहन फसलों का उत्पादन भी गत वर्ष के 241.62 लाख टन से बढ़कर इस बार 257.45 लाख टन पर पहुंचने का अनुमान है लेकिन व्यापारिक फसलों की पैदावार में भारी गिरावट आने की आशंका है। इसके तहत गन्ना का उत्पादन 4531.58 लाख टन से 132.28 लाख टन लुढ़ककर 4399.30 लाख टन तथा कपास का उत्पादन 325.22 लाख गांठ से 25.96 लाख गांठ घटकर 299.26 लाख गांठ पर सिमटने की संभावना है। दलहन फसलों में तुवर एवं मूंग के उत्पादन में बढ़ोत्तरी होने मगर उड़द के द के उत्पादन में भारी गिरावट आने का अनुमान लगाया गया है। इसी तरह तिलहन फसलों में मूंगफली एवं सोयाबीन का उत्पादन बढ़ने और अरंडी की पैदावार घटने की संभावना व्यक्त की गई है जबकि तिल तथा सूरजमुखी का उत्पादन लगभग स्थिर होगा। मोटे अनाजों में मक्का एवं ज्वार के उत्पादन में भारी बढ़ोत्तरी की उम्मीद व्यक्त की गई है जबकि बाजरा, रागी एवं स्माल मिलेट्स की पैदावार घटने का अनुमान लगाया गया है।